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Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
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कोलड़ी 322
कुंथुनाथ 43 / 12
4/95
सेवामंदिर 3 इ345
184-5 के नाथ 17 / 71, गु. 14 ओसियां 3 इ 225
के नाथ 6/85 चन्द्राउला
171 मुनिसुव्रत 3 इ 323 चरित्र मनोरथमाला
172-3 के. नाथ 24/44-39 चार मंगल दो प्रतियां Cāra Mangala 15 / 126 | चार मंगल आदि स्तवन 175 मुनिसुव्रत 3 इ 323
174
चैत्यपरिपाटी स्तव
176
कुंथुनाथ 16 / 16
चैत्यवंदन
महावीर 3 इ7
के. नाथ 10/73
189
190
191
192
"
193
. नाथ 14/97 चतुर्विंशतिजिन-स्तुति
कोलड़ी 484
194
37
1878 के नाथ 19 / 83.
23/57 कुंथुनाथ 17/20
प्रोसियां 3 इ 359
महावीर 3 इ 52
3 इ 54
कोलड़ी 503
2
11
1
504
11
1129
11
15 / 141 चौमासी देववन्दन
चौवीस चैत्यवंदन
संग्रह
चैत्यवंदन | स्तवनादि
21
21
""
""
13
13
"
3
31
39
19
""
नमस्कार
2 प्रतियां
पूजा 2 प्रतियां
सवैये
स्तुति मंत्र
स्तुतियें + श्रवचूरि
+
+ वृत्ति
स्तुतियें + प्रवचूरि
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11
Caturvimśati Jina Stuti
Candraulā
Caritra Manorathamālā
33
Cara Mangala & other
Stavans
Caityaparipați Stava
Caityavandana
"
9"
33
33
3 A
27
Caumasi Devavandana
29
39
Cauvisa Caityavandana
"
"
""
35
33
91
"
भाग / विभाग : 3 (प्रा) - जन भक्ति व क्रिया
Namaskara
ד
39
Sangraha
विनयविजय
+ Stavanādi ज्ञानविमल
पद्मविजय
मानविजय
93
33
2 copies ऋषिजय मल
गुणविनय
धर्मसूरि
,, 2 copies
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जिनप्रभसूरि
-
"
वाचक देव
खेमराज
4
T
|
Puja 2 copies जिनचंद्रसूरि
Savaiye
खेम
Stuti Mantra
क्षमा कल्याण
37
प.
21
11
"1
"
14
17
Stutiyen+Avacūri मुनिसुंदर (सोमसुंदर मू श्र. (प.ग.)
+
का शिष्य) भट्टसूरि
मू अ. (प.ग.)
+ Vrtti
मू. बृ ( प.ग.)
Stutiyen+Avacūri शोभनमुनि
मू.अ. (प.ग.)
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