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130 ]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (प्र)
3A
39 | कोलड़ी 90
नवतत्व-+-चौवीस दंडक
+बाला
Navatattva-Cauvisadandal x/गजसार
ka+Bala
| मू बा.
,
65
नवतत्त्व-+चौवीस दंडक
मूट. (प.ग.) मू प.
641
के.नाथ 6/51
,
कुंथुनाथ 20/16 के.नाथ 18/22 |
+, स्तवन |
.,
+Stavana
ज्ञानसार
मुनिसुव्रत 2/262| नवतत्त्व, चौवीसदंडक | Nattva+Cauvisa
जीवविचार Dandaka-Jivavicara
गजसार x शांतिसूरि | मू. (प )
, 2/322 कोलड़ी 63 सेवामंदिर 2/342 कोलड़ी 70 सेवामंदिर 2/346
मूट (प ग.)
कोलड़ी 64
के नाथ 21/43
कोलडी 62
" का बाला.
Bālāvabodha
Navatattva+Jivavicrāa
654
+Bala.
४ शांतिसूरि | मू ट. (प.ग.)
x ./ मतिचंद | मू. बा. (प ग) x शांतिसूरि मू ट (प.ग.)
655
656 657 658
60
के.नाथ 11/33 | नवतत्त्व + जीवविचार ओसियां 2/205
+बा. , 2/248 | नः तत्व+जीव विचार मुनिसुव्रत 2/327 सेवामंदिर 2/355 , " कंथुनाथ 20/14,
3 प्रतिया 14/15,29/8
,,3 copies
मू
(प.)
661
कोलड़ी ।।19
662
सेवामदिर 2/422)
मू.ट. (प.ग)
663
दृत्ति
| Navapada Prakarana
के नाथ 10/20+ नवपदप्रकरण
16/15
Prakaraya
| देवगुप्तसूरि
देवगुप्तसूरि
मू.वृ. (प.ग.)
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