________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
358 ]
भाग/विभाग : 4 (प्रा)-ऐतिहासिक, भौगोलिक
4
5
मू.बा. (प ग.]
12.
3A 168 के.नाथ 5/74 | लोकनालि-द्वात्रिशिका+बा.| Lokanāli Dvāuimsika
+Bala. 169 | , 15/8
, +बा.
, +Bala. 170
कुथुनाथ 3/62
__
मू. (प) मू.बा. (प ग.)
171
औसियां 2/158
1,
+बा
"
+Bala
172
| के नाथ 11/72
173.4
, 18/49
6/79
+बा. । 2 प्रतियां
+Bala. 2 copies
175 |
"
,
+बा.
"
+Bala.
116
मू+ट (प.ग.)
प्रोसियां 2/225
सहजरत्न कुंथुनाथ 4/84 177 | के नाथ 18/51 , ,, की अवचूरि , ,ki Avacuri ज्ञानसागर
कोलड़ी 1238 लोकान्तिक देवस्तव +अ. | Lokāntika Devastava
कुंथुनाथ 42/16 | शत्रुजय-कल्पस्तोत्र - बा.| Satrunjaya Kalpa Stotra | पादलिप्ताचार्य 180 के.नाथ 10/60 , कल्पस्तोत्र
मू.अ. (प.ग.) मू बा. (प.ग.)
179
+Bala.
मू.ट. (प.ग)
181 | प्रोसियां 2/416
, लघकल्प
, Laghukalpa
,,उज्झयंत रेवतगिर-कल्प
जिनप्रभ (तीर्थकल्प) पद्य faasis
182 के नाथ 8/12 183 मुनिसुव्रत 3 इ-245
„ Ujjhayanta (R)
Kalpa , Uddhāra Rāsa
, उद्धार-रास
नयसुन्दर
184 | , 35316
185 | कुंथुनाथ 25/6 186 | के.नाथ 10/15
187-8
,
19-42, 21-40
,
2 प्रतियां
,, 2 copies
"
, 7 प्रतियां
,, 7 copies
189-कोनड़ी 361 से 63, 95/ 1097/8,
1127-41
196
वामंदिर 4 प्रा-12/
197 - कोलड़ी 415
, नाम
,
Nama
198
445
, -माहात्म्य
,,
Māhātmya
धनेश्ववसूरि
For Private and Personal Use Only