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भाग (2) जैन सिद्धान्त व आचार विभाग :- (अ)
3A
4 | पद्मजिनेश्वर सूरि
5 । मू. (प)
58
कोलडी
828 / उपदेश रत्न कोष
Updes Ratnakos
159
के. नाथ 15/74
+बाला.
-+-Bala.
मूबा.
161
म. (प)
160 प्रोसियां 2/304 उपदेश रत्न कोष
, 2416 162 सेवामंदिर 2/430
महावीर 2/5 | उपदेश रत्नाकर-वृति
163
| Updes Ratnakar+Vrti
मुनि सुंदर (सोम सुंदर मू व.
__ का शिष्य) पाठक र पति
164 सेवामंदिर 3 इ349 उपदेश रसाल बत्तीसी
., Raal Battisi
., Rahasya
पावचंद
,, Sar Ratnakosa
165 कुंथुनाथ 44/6 | उपदेश रहस्य 166 सेवामंदिरगुटका 3 ति उपदेश सार रत्न कोप
कुंथुनाथ 10/133 | उपसर्ग विचार कोलड़ी 428 | उस्मानोपदेश
समर चद (पार्श्वचद का
शिष्य
Upsarg Vicar
Usthāuopdes
169
429
170
। कंथुनाथ 15/54 उस्थानोपदेश श्लोक
Slok
171
के. नाथ 15/10 ऋधि मंडल
Rşimandal
धर्म घोष
172
..
10/4
173
174
175
23/25
176
कोलडी 858
कुंथुनाथ 3/54
+Vrti 3 copies धर्म घोष हरी नंदन | म वृ. (प.ग )
178- | महावीर 2/119- , + वृति 3 प्रतियें 80
20-21 181 के. नाथ 24/47 ऋधि मंडल
धर्म घोग
182
महावीर 2/122 ऋषि मडल की अवचुरी।
kj Avacūri
183
ki Vști
,, 4/प्र.35 ऋषि मंडल की वृति के. नाथ 7/49
184
पद्म मंदिर गणि
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