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जन प्रागम-अंग बाह्य-प्रकीर्णक :
[93
b
11
औपदेशिक
| 78 8A
9
10 प्रा.मा. | 45 26 x 11x5x42 संपूर्ण 544 गा ग्रंथान मूल | 1716, बिल्हा
700 टब्बा 1400| 26 x 11x13x36 | संपूर्ण 543 गा. 1724
बाम
25x11x11x35 103 गा प्रतिपूर्ण
1773
तो भी लिपिक ने "पूर्ण" लिखा है
| 26 x 11 x 13 x 40 संपूर्ण 538 गा. ग्रं 3852| 18वीं
24 x 11x7x35 लगभग पूर्ण 18वीं
प्रा.मा.
प्रथम व अतिम पन्ना
कम अंतिम पन्ना कम
25x10x8x52
18वीं
25x11x11x38 | अपूर्ण गा. 404 तक ही है। 18वीं
प्रा.डि.
25x11x18x60 | संपूर्ण 544 गा
1819
25x11x7x44 | ,, 544 गा. 1840, बाहडमेर
कीत्तिगणी 27x13x14x43 544 गा.कथा सह 19वीं
पूर्वोक्त की नकल
27 x 13 x 16 x 43 | अपूर्ण 439 तक ही 19वीं प्रा.मा. | 160 26 x 11 x 3x36 संपूर्ण 544 की ग्रं 6375| 19वीं 26x Ilx6x38 |
| लगभग पूर्ण 532 गा.तक | 19वीं | 31,25 | 21से26 x 9से 12 संपूर्ण-अंतिम प्रति अपूर्ण 19वीं
200 गा
| 39
26 x 11x17x50 प्रपूर्ण 38 से 544ग्रं.1716 18वीं
26 x 12x12x42 मज्झाय की 33 गा.
18वीं
26x12x13x42
19वीं
प्रा.मा.
25 x 11x7x48 | अपूरी 253 से 544 तक 19वीं 26 x 13x12x | बिल्कुल अपूर्ण, प्रारंभिक | 20वीं
मात्र 25 x 11 x 12 x 34 लगभग पूर्ण-पहिलापन्ना कम 1674
29x14x17x50 प्रकारादिक्रम में प्रारंभिकपद 19वीं
प्रा.सं.
प्रा.मा.
26x11x4x40 | संपूर्ण 36 गाथा (121698
| 169811 गाथाय प्रक्षिप्त है
प्रक्षिप्त) 26 x 11 x 11 x 43 , 25 गाथा का 17वीं
18वीं x दीपा26x11x7x44 .. 26 गाथा
विजय।
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