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भाग/विभाग : 3 (अ)-जैन भक्ति व क्रिया-पर्ववत
3
3A 3A
4 SaubhagyaPaicamiStavana समयसुंदर
5
1| 2 | 3 451 | मुनिसुव्रत 3 5 280/ सौभाग्य पंचमी स्तवन 452 | के.नाथ 20/46 453 कोलड़ी 360
मानसागर (जीतसागर,
शिष्य)
454 | प्रोसियां 2/152 | स्नात्र प्रादि विधियाँ
Snātrādi Vidhiyān
455
के.नाथ 6/115 | स्नात्र महोत्सव विधि
Snātra Mahotsava Vidhi | नयविमल
Snātra Vidhi
मू. व्याख्या
456 | कोलड़ी 962 | स्नात्र विधि 457 | , 405
नगविजय
2 प्रतियां
,,
2 copies
458-9 के नाथ 15/217.
17/53 460 | , 23/54
.
+Kalasa Puja
462
Holi Katha
फतेन्द्रसूरि
,
2 copies
461 कोलड़ी 354 | स्नात्र विधि व कलश पूजा
| के.नाथ 20/21 | होली कथा 463-4 | कोलड़ी 178,453 2 प्रतियाँ 465 | के नाथ 660 | होली पर्व कथा 466 । कोलड़ी 945
कोलड़ी 945 .. कुंथुनाथ 20/13 | होली रज पर्व कथा
, 9/18 | "
Heli Parva Katha
पुण्यराज
466 |
467
Holi Raja parva Katha
जिनदर
468
मू ट. (प.ग.)
469 मुनिसुव्रत 3मा 164
470-1| कोलड़ी 201.196
2 प्रतियां
2 copies
Kalpa
अज्ञात
मू ट (प.ग )
472 मुनिसुव्रत 3 पा 163होली रज पर्व कल्प 473 प्रोसियां 3 या 159
474 | महावीर 3 पा 22
कुंथुनाथ 52/26 | के.नाथ 21/37
मूट. (प.ग)
कोलड़ी 177 | होली रज पर्व व्याख्यान
Vyakhyana| क्षमाकल्यारण
478
महावीर 3 प्रा 21/
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