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भाग विभाग :- 1 (अ)
3A
सुधर्मा-+-अभयदेव मू.-- वृ.(ग.) सुधर्मा स्वामी । मू.(ग.) सुधर्मा + अभयदेव मु.+ वृ.(ग.)
40/ महा.13/13 | स्थानाङ्ग सूत्र ---वृत्ति | Stbānanga Sutra + Vrtti 41 | के.नाथ 66/13 42 महा./अ 5
वृत्ति , +Vrtti 43 के.नाथ 11/80/
| मुनि सु. 1955 , कोलडी 973 स्थानाङ्ग-वति
.. -Vrtti
सूधर्मा स्वामी
। मू (ग.)
मु.+ट.(ग.)
अभयदेव
व.(ग.)
18
| के नाथ 15/11/ समवायाङ्ग-सूत्र - वृत्ति Samavayaiga Sutra+Vrtti | सुधर्मा - अभयदेव मू. + वृ.(ग.) प्रोमियां 1420
सुधर्मा स्वामी मू.(ग.) | के.नाथ 1/17 |., 10/91 " वृत्ति
+Vrtti
सुधर्मा+अभयदेव म.+व.(ग.) 51 मुनि सु.1941
सुधर्मा स्वामी मु.(ग.) | के.जाथ 20/9
मू. नट.(ग.)
53., 153
मू.(ग.)
मू.-1-ट.(ग.)
---Vrtti
अभयदेव
व.(ग.)
महा. 17
| कोलडो 19 58, 970
Bhagavati Sūtra
सुधर्मा स्वामी
म (ग.)
59 के.नाथ 24/7|
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