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132]
भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :-(अ)
3A
5
664
Nirvāņa Kāṇda
मू. (प.)
कुंथुनाथ 361 निर्वाण काण्ड
क्रम 35 महावीर 2/93 | पच्चीस क्रिया
665
Paccisa Kriya
ग. तालिका
Padmāvati Aradhana
समयसुंदर
666 के.नाथ 18/73 पद्मावती आराधना , 15/43 । (पद्मावती) आलोचना
सज्झाय 668 कोलड़ी 289 पद्मावती पालोचना
(..) Alocanā Sajjhāya
669
कुंथुनाथ 13/38 | ., आलोचना जीव राशि
,, Jivarati,,
सज्झाय के.नाथ 23/51 परमात्माप्रकाश+त्ति । Parmātmā prakāsa
670
योगी इन्द्रदेव/ ?
Dhala Bhāsā
धर्ममदिर
671 29/28 | परमात्माप्रकाश ढाल
भाषा बंध 672 | प्रोसियां 3ई 263| परमानंद ग्तोत्र
Parmananda Stotra
मू ट. (प.ग.
673 कोलड़ी गुटका 9/9/ पचइद्रिय-संधि
Panca Indriya Sandbi
धर्मरत्न (कल्याण
धीर का शिष्य देवचदजी
674
कुंथुनाथ 36/2
पंच भावना
panca Bhavana
675
| के.नाथ 6/119
पंचमहावत-सज्झाय
Panca Malāvrata
Sajjhāya Pancalingi Prakarana
576
प्रोसियां 2/152 पंचलिंगी-प्रकरण
सुमतिहंस जिनेश्वसूरि हरिभद्र (स्वोपज्ञ)
महावीर 2/104 पंचवस्तुक + वृत्ति
Panca vastuka + Vrtti
मू.व. (प.ग.)
678
कुंथुनाथ 8/112 पंचविंशति ।
Panca Vṁsati
पद्मनंदि
मू. (प) मू.व. (प ग.)
679 | महावीर 2/64
पचमं ग्रह -- वृत्ति
Panca Sangraba+Vịtti
चंदपि मलयगिरी
680
के नाथ 22/45 | पंचत्र
Panca Sūtra
हरिभद ? (स्वोपज्ञ)
मू (प)
मू..
महावीर 2/41- ,--वृत्ति 2 प्रतियां | ., ,+Vrtti 2 copies
48 , 3 आ 32 पंचाचार विचार ढाल Pancācāra vicāra Dhāla
683
ज्ञानविमल
| के नाथ 9/6
पंचाशक + वृत्ति
Pan.asaka-Vruti
हरिभद्र अभयदेव
। मू वृ. (प.ग.)
, ,, 15/6
पंचाशक
हरिभद्र
,-Vrtti
हरिभद्र अभय देव
| मू.वृ. (प ग.)
686 | महावीर 2/38- पनाशक +वत्ति
105 687 | के नाथ 13/35पचास्तिकाय-भाषा
Pancāstikāya Bhāṣā
टो.प हीरानंद
पद्य
688 | सेवामंदिर 2/424 पांच दकार श्रावककतव्य
Pancadakāra Śāvaka
Kirtlavya
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