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जैन तात्त्विक प्रौपदे शक व दार्शनिक : ..
[ 133
10
11
6 तात्त्विक
7 प्रा
8 8 A
9 । गुटका | 23 x 20 x 21x38 | संपूर्ण 27 गाथा
1544
तात्त्विकतालिका | मा.
25x12x
प्रतिपूर्ण 25 क्रिया
20वीं
18वीं
मारणांतिक अतिसार अालोचना
27x13 x 8 x 24 | संपूर्ण 41 गाथा 25 x 13 x 13 x 35 17x21x15x44 |, 42 ,
19वीं
19वीं
26x12x5x32
, 33
1949
तात्त्विक
मूल का पद्य
सारांश अात्मविषयक
27x12x9x27 संपूर्ण 2 अधिकार,345 1767
श्लोक 25x11 x 13x46 संपूर्ण 2 खंड-32 ढाल | 1819
ग्र. 1125 25x11x5x37 र्ग 25 श्लोक
19वीं
म.मा.
3
प्रौपदेशिक
गुटका | 16x13x13x18
, 108 गाथा
17वीं
25x20x15x28
, 67 ढालें ।
1794
प्राचार विषयक
26x11x15x36
,, 5 सज्झायें
1788
जैन साधु प्रकार | प्रा.
26 x 12 x 11 x 40
, 102 गाथा
16वीं
जैनदार्शनिक प्रा.स. | 19128x13x15x40 | संपूर्ण 1714 गा वत्ति ग्रं 19वीं वृत्ति शिष्य
7275
हितानाम्नी भति, तत्त्व, उपदेश में 7 4 29x14x13x48 , 25+1 ग्रंथाग्र 17वीं
1743 प्रा.सं | 32331x12x14x54
16वीं-1-1956 | 232 पन्ने 1956 पाटण,परसा- में लिखे गये हैं।
दीराम
प्राचार
,
प्रा.
27x14x12x51
.. पां. सूत्र
19वीं
,
,,
प्रा.सं. | 39,39/27x11x10x42 प्रा.सं
,, ग्रंथान 880
20वीं
साधु आचार
मा.
5
27x21x12x38 | संपूर 46 पद
19वीं
जैन सैद्धांतिक
विधियां
प्रा.स.
26x11x19x43 अपूर्ण तीसरे से 19 अंत 17वीं
तक 26x11x15x50 तपोविधि प्रकरण तक 19वीं
ग्रथाग्र 1100 x14x48 संपूर्ण 19 पंचाशक की 19वीं
ग्रंथान 9750 26x12x16x42 संपूर्ण 1093 छंद 1769
सैद्धांतिक ताविक | हिन्दी
(मूल कृति कुंदकुंदा
चार्य की)
प्रौपदेशिक
20x10x15x39
18वीं
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