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जन पागम-अंग बाह्य-उपाङ्गसूत्र
[ 25
। 8
11
8A 27x12x6x33
10 पूण सूर्यादेव भी अपूर्ण| 19वीं
द्वितीय उपाग/
2 कथायें
24x13x6x42
| अपूर्ण
20वीं
किंचित टब्बार्थ
भी
प्रगम साहित्य
व्याख्या
27x11x17x50 | पूर्ण ग्र. 4300 44 | 26 x 11 x 15 x 60 प्रपूर्ण बीचके पन्ने
17वीं 18वीं
27x12x16x43 |
अपूर्ण
19वीं
27x11x11x42
ततीय उपांगविभक्तियां
17वीं
26x11x11x37
17वीं
| 26x11x15x50 | सपूर्ण प्र. 4700 1720 90 25x10x17x52
, ग्र.4750 | 1721
जोधपुर 291 | 26 x 12x7x43 त्रुटक
18वीं 24x12x7x4) | अपूर्ण
19वीं 28x15x6x40
19वीं
बीच के पन्ने कम है
19वीं
28x11x14x48 | केवल विजयदेव पूजा
प्रकरण | 28x11x17x54| सं. प्र. 14000
भागम साहित्य सं.
व्याख्या
1561
चतुर्थ उपांग जीव प्रा. प्रजीव विभ..
30x11x 19x 80
1599 | 25x10x14x50/त्रुटक
16वीं | 29x 12 x 15x49 सं. ग्र. 8980 16वीं 299 | 26x11 x 11x43,, ग्र. 7788 | 17वीं 223 | 28 x 12 x 13x41 |,, 36 पद ग्र. 8300| 18वीं
| 26x11 13x 52 | , प्र. 7787| 18वीं
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