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भाग विभाग : 3 (मा)-जैन भक्ति व क्रिया
1
2
3
3A
5
मू.अ.
636 के.नाथ 23/47 महावीरसमसंस्कृत स्तव+अव. Mahāvira Sama Samskrta| जिनवल्लभ/
Avacuri 637 सेवामंदिर) इ378|
जिनवल्लभ
मू.प.
| के नाथ 15/234 | के.नाथ 15/66
के.नाथ 29/53 | महावीरस्तवन +वृत्ति
| Mahavira Stavana+Vrtti | पादलिप्त अमरकीति म वृ. (प.ग.
(मानकीत्ति का शिष्य) (2) | अभयदेव+जिन वल्लभ म.प.
641
के.नाथ 26/103गु. महावीरस्तवन (2)
642 | के.नाथ 19/46
अभवदेव
643 | महावीर 3 144
644
कुंथुनाथ 9/119
विजयदेव
645
के.नाथ 15/212
अज्ञात
646 | सेवामदिर गुटका | महावीर (26 द्वार 34 अति- Mahavira (26 Dvāra 34 पावचन्द 3 ति शय) स्तवन
Atisaya) Stavana 647 कोलड़ी 296 (5 कल्याणक) स्तवन Mahavira (5 Kalyanaka) | सकलचंद (हीरविजय ।
शिष्य)
कुंथुनाथ 44/6 | महावीरस्तवन
Mahavira Stavana
जिनदास
के.नाथ
5/12
लक्ष्मण
650
. 14/118
प्रमोदसूरि
651
.
19/85
विजयदेवसूरि
652
प्रोसियां 3 5 192
लक्ष्मीसूरि
653 | महावीर 3 इ31
रामविजय (विमलविजय,
शिष्य) 654 | के नाथ गु. 14
वा. विनयविजय 655 , 10/63
वा यशोविजय 656 | मुनिसुवत 3 5323/ महासंत सती कूल सज्झाय | Mahasanta Sati Kula
Sajjhāya 657 ,, 3 इ 323 मुख-वंदनदर्पण + वृत्ति Mukhavandana Darpaņa
मू वृ. (प.ग.)
+Vrtti 658 के.नाथ 26/21 | मुनिमालिका
Munimālika
चारित्रसिंह 659 | कोलड़ी 275
660
के नाथ गुटका 1 | यादवों की धमाल
Yādavon ki Dhamala
राजहर्ष
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