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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
भक्ति काव्य
"1
21
देवी-देवताओं की स्तुति
मणिभद्रदेव स्तुति
11
भक्तिस्वाध्याय
=
भक्ति
भक्तिमय चरित्र कीर्तन
31
6
1=3
"
11
11
,,
तीर्थंकर भक्ति
11
"
"
"
容
"
"
"1
प्रा.
प्रा.मा.
प्रा.सं.
सं.मा.
"
7
मा.
"
सं.
प्रा.सं.
प्रा.मा.
प्रा. सं,
"
प्रा.
प्रा.मा.
STT.
सं.
सं.मा.
सं.
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सं.मा.
सं.
"1
2*
2
15
6,1
2
3*
गुटका
9
11
5
8
35*
40*
2
7
4.2, 3, 27 से 31 x 11 से 12 मंपूर्ण 3 छंद व 1 अष्टक
वृत्ति
संपूर्ण 2 पद 11+ 8गा 20वीं
19वीं
19वीं
16वीं
2,2
1
6
14
2
2
5
6*
9
www.kobatirth.org
8 A
26 × 11 × 13 × 49 संपूर्ण 25 गाथा
23 x 10 x 6 x 40
23 गाथा
25 x 13 x 18 x 40
21 गाथा
23 × 10 व 25 × 11 संपूर्ण 5 स्तोत्र + 21 गाया का छंद
20 x 12 x 8 x 16
26 x 11 x 16 x 57
32 × 11 × 17 x 54
26 × 11 × 5 × 41
27 x 11 x 15 x 45
25 x 11 x 14 x 50
21 × 10 × 11 × 31 संपूर्ण 2 पद
12 x 11 x 9 x 13
22 x 11 x 14 x 31
37
27 × 12 × 15 × 70
26 × 12 व 24 × 10
25 × 11 × 16 × 43
10 x 6 x 7 x 16
19
25 x 10 x 11 × 48
25 × 11 × 5 x 43
26 × 11 × 12 × 41
26 × 11 × 15 × 49
11
12
21
"
"1
31
9
17
11
93
53 श्लोक
71
44 गाथा
44 गाथा
44 गाथा
संपूर्ण अंतिम पन्ना कम
3 लकीरों का संपूर्ण 44 गाथा
44 गाथा
44 गाथा
44 गाथा
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
1806
19वीं
19वीं
संपूर्ण 32 श्लोक
19वीं
अपूर्ण 29 श्लोक
18वीं
26 × 11 × 13 × 42 संपूर्ण 30 श्लोक
15वीं
25 x 10 x 11 x 45
30 श्लोक
16वीं
30 श्लोक
16वीं
30 श्लोक
16वीं
पूर्ण 10 से 30 श्लोक 1626
संपूर्ण 30 श्लोक
10
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16वीं
1656
20 वीं
19वीं जोधपुर
धनसागर
व ईश्वर 19/20वीं
1700
[ 255
11
1762 मेदनीपुर
हरीदास
1531 अमदाबाद चरित्रपंच के
धर्मसेन
1697
दिगम्बर आम्नाय
सोमगरण के गुरु जिनभद्र
1662 |पन 12 ( 19 से 30
तक )