________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
230]
1
281
282
283
284
285
286
287
288
289
290
291
292
293
294
295
296
297
298
299
300
301
302
303
304
305
2.
| सेवामंदिर 3 इ350 जिनस्तवन (चन्द्र प्रभु व
अन्य )
मुनिसुव्रत 3 इ323
सेवामंदिर 3 इ345
महावीर 3 इ41,
355
कुंथुनाथ 2/43
के. नाथ 11/23
कुंथुनाथ 26/9 जिनस्तुतियाँ
17/18
ओसियां 3 इ 194
कुंथुनाथ 36 / 1 क्र. जिनस्तोत्र
25,24,18,17 कोलड़ी 1224
"2
27
13
11
17
""
29
".
33
17
जुहार भट्टारक
कुंथुनाथ 44/5 जैनमहिम्नस्तोत्र
महावीर 3 इ355 | जंनरक्षास्तोत्र
कोलड़ी 336
मुनिसुव्रत 3 इ 313 जोजासमणी
के. नाथ 15 / 201 |तिजयपहुत्त स्तोत्र
महावीर 3 इ 47
| सेवामंदिर 3 इ 345
ओसियां 3 इ213
3
जनरक्षा + जिनपिंजरस्तोत्र
39
सावचूरि
व मत्र
17
11
+ वृत्ति
www.kobatirth.org
+ कल्पविधि
महावीर 2/24
के. नाथ 6 / 12
महावीर 3 इ 355 त्रिषष्ठीशला कापुरुष-स्तवन
के. नाथ 10/43 | दस लक्षणी पूजा
Jina Stavana
33
Jina Stutiyan
33
39
Jina Stotra
33
33
"3
3 A
Juhara Bhaṭṭāraka
15
Savcüri
Jaina Mahimna Stotra
Jaina Rakṣa Stotra Jina Piñjara
Jauja Samaņi
Tijayapahutta Stotra
""
99
2 / 152 | तीर्थंकरों की बोली
तीर्थंकरों के कलश
तीर्थंमाला - प्रकरण
Tirthamālā Prakarana
त्रिजगत् शास्वत त्रिव स्तवन | Trijagat Śāsvata Bimba
Stavana
Trisasthi Salakā Purusa
Stavana
Dasa Lakṣaṇi Pūjā
Tirthankaron ki Boli
भाग / विभाग 3 (प्रा) - जन भक्ति व क्रिया
For Private and Personal Use Only
ke kalasa
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जिनप्रभ आदि
I
समरमुनि
वाचक चरित्रनंद
पद्मनंदि
जयानंद / मेघमुनि
"
--
साधु राजगणि
भद्रबाहु
"
4
विजय
देवसूरि
+ कमलप्रभ
चन्द्रमुनि
रत्नसूरि
पद्य
13
33
""
33
सू.अ. (प.ग.
प.
"1
ग.
५.
19
19
""
मू.ट. ( प.ग.)
+ हर्षकीत्ति मू.वृ. (प.ग.)
मू (प)
मू.ट. (प.ग.)
मू. (पद्य)
""
प.
13
5
31
"1
11