________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
108
भाग (2) जन सिद्धान्त व आचार विभाग:-- (अ)
3A
333
कोलड़ी 146
गौतमपृच्छा-- वृत्ति
Gautma Ppccha+Vrtti
मतिवर्द्धन
महावीर 2/127
,
+,,
+
,
मतिवर्द्धन
335
कोलड़ी 831
कथासह
with katha
मू+कथा
336
वृत्तिसह
with Vịtti
मतिवर्द्धन । मु.वृ.
337
+बा.
+Bala
मू.बा.
338
मूट.
339
340
महावीर 2/14 के.नाथ 14/139
, 13/12
,, 5/68 कुंथुनाय 25/2 प्रोसियां 2/165 कोलड़ी 823 के.-Tथ 15'172 कोलड़ी 1085
+बा
+Bala
मूडा.
+वृत्ति
+Vrtti
मू वृ.
,
+कथा
+Katha
मू.+व्या.+
कथ म.ट.
+कथा
+Katha
मू.x कथा
.. 1087
की वृत्ति
ki Vrtti
के नाथ 15/168
का पद्यानुवाद
Padyānuvāda
347 | कोलडी 239
चौपई
,
Caupai
लावण्यसमय
348
के नाथ 19/73
पद्यानुवाद
Padyānuvāda
349
मुनिसुव्रत 2/251
"
का बालावबोध
Balavabodha
350
प्रोसियां 2/164
जिनसूर तपागच्छ
351
मूवृ.
महावीर 2/406 गौतमीय महाकाव्य+वत्ति | Gautamiya Mahakavya | रूपचंद/क्षमाकल्याण
+Vrtti 352 कोलडी 953 ज्ञानक्रियावाद
Jnānakriyāvāda
353
पद्य
Jhana Deva Dharma Guru सिंहात्मज
Sruta Bodha jñānadvāra Jivaprarupaņā
354
ग.तालिका
के.ना4 21/58 | ज्ञानदेव धर्मगुरु श्रुतबोध मुनिसुव्रत 2/321 | ज्ञानद्वार से जीवप्ररूपणा के नाथ 26/56 | ज्ञानपच्चीसी महावीर 2/407 | ज्ञानसार अष्टक-+-वृत्ति । , 2/12 , अष्टक
Jñana Paccisi
बनारसीदास
| Jhanasāra Astaka+Vxtti | यशोविजय देवचंद | मू वृ (प.ग.)
__, जीतविजय मू ट.
357
For Private and Personal Use Only