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Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
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78
कुंथुनाथ 42 / 14
के. नाथ 21/34
18/19
महावीर 3 12 साधु प्रतिक्रमण वृति सह
31
कोलडी
2
11
34
"
3 श्र 11
859
श्रावश्यक वृति
आवश्यक बालावबोध
17
3413
31
कुंथुनाथ 3 / 76 साधु प्रतिक्रमण के बोल
प्रोसियां 3 23
के. नाथ 23 / 85
महावीर 3 1
के नाथ 3/31
कोलडी 41
के नाम 14 / 140
महावीर 35
के नाथ 13 / 24
कुंथुनाथ 54 / 8
11
"
""
"
3
"
11
"
की वृति
की वृति
श्राद्ध प्रतिक्रमण + वृति
12
11
27
+
ओसिया 3 52 पाक्षिक सूत्र
के नाथ 5/73
श्राद्ध प्रति कमरण की वृति
श्राद्ध प्रतिक्रमण + अवचूरी Srādh Pratikraman+ Avacuri Sradh Pratikraman /Avacuri śrādh Pratikraman + Vrti | वृदारुवृति
""
+ वृति
"
* नाथ 15/121 श्राद्ध प्रतिक्रमण + श्रवचूरि | Srādh Pratikraman ---
Avacuri
प्रोसियां 349
+
+”
के. नाथ 23/6 |श्राद्ध प्रतिक्रमण + वृति
+ Vrti
18/2
155 महावीर 36
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"
Avasyak Vṛti
3 A
33
Bālavabodha
तरुण प्रभ सूरि
सहज कीर्ति
|Sādhu Pratikraman with Vrti / तिलकाचार्य
553
ke Bol
Pākṣik Sūtra
+
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21
ki Vṛti
+Vrti
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
-?
-?
+ वृति पाक्षिक (पक्खी) सूत्र + वृति | Pāksik (Pakhi) Sūtra + Vrtu – / यशोदेवसूरि
+ अवचूरि
+Avacūri / यशोभद्र
भाग / विभाग
"
4
/ हेम सोमसूरि
+,"
ki Vrti | - ?
-?
?
/ कुल मडन सूरि
देवेन्द्रसूरि (वृदारुवृति)
- / रत्नशेखर
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:--1 श्रा (iv)
ग.
मू.वृ.
21
ग.
मु. अ.
ग.
मू वृ
मूवृ ट.
31
27
5
ग.
मूवृ. ( ग प )
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मु. अ.
(प.ग )
मूवृ. ( ग )
मूवृ. कथा
मु.वृ. (ग.)
मू.अ. (ग.)
मू ( ग )