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भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग-(अ)
3 A
Satharisaya
भंडारी अनेमीचंद
1018 | सेवामंदिर 2/425| सट्टरिसय 1019 | प्रोसियां 2/152
,,
+Bala.
भंडारी अनेमीचंद
मू बा. (प ग.
1020 | के.नाथ 20/41 , +वाला. 1021- ,, 4/13,6/37, सटुरिसय (पांच प्रतियां)
10/59,15/ 25,19/123/
,, 5 copies
मू. (प.)
"
+Vrtti
1028
1026 , 6/2 | सटुरिसय+वृत्ति
मू.व (प.ग.) 1027 | ,, 23/32 | , का बालावबोध , kā Bālāvabodha 5/77 | सद्भाषितावली Sadbhāṣitāvali
सकलकत्ति 1029 | प्रोसियां 2/240
संकलित 1030 | कोलड़ी 1101 1031 के.नाय 17/24 | समयसार प्रात्मख्यातिसह | Samayasāra+Atmakhyati| कुंदकुंद अमृतचंद्राचायं मू.व. (प.) 1032 | महावीर 2/56
कुंदकुंद , 1033 | कोलड़ी 1228 ,, तात्पर्यवृत्तिसह Samayasāra-+Tatparyavrtti , जिनसेन | , (प.ग.)
1034| के.नाथ 15/99 समयसार की प्रात्मख्याति टीका
. kiAtmakhyati | प्रमतचंद्राचार्य
Tikā Samayasāra-Kalasa
Samayasära Nataka
बनारसीदास
1035 कोलड़ी 834 | समयसार-कलश 1036 | पोसियां 2/166 | समयसार-नाटक 1037 कुंथुनाथ 3/50 1038 | कोलड़ी गु.11/12
1039
1040
__, गु. 10/5
1041
845
1042 | के नाथ 14/72
1043 कंथुनाथ 11/201
| सेवामंदिर 2/358
1045
359 | समयसार की समालोचना |Samayasara ki Samālocana
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