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44]
भाग/विभाग :- 1 आ (ii)
2
ЗА
143 कोलडी 446 कल्पसूत्र-वाचना
Kalpa Sūtra Vācanã
|,
158
, 1034
" व्याख्यान
Vyakhyana
प्रोसि. 3ई185
147 कोलडी 1040/
" वाचना
Vācapa
के.नाथ 19/57 , व्याख्यान भाषघोल | ,. Vyakhyāna Bhasaghola| ज्ञानविमल
संघदास क्षमाश्रमरण
, 11/1 | पंचकल्पभाष्य (महत्) | Paicakalpa Bhasya..
(Mahat) , 11/2 , चूणि , Cūmi महा. 14113) महानिशीथसूत्र Mabā piśitha Sūtra
, 1आ12 | के.नाथ 29/3 महा. 1740 पतिजीतकल्प Yati Jitakalpa , 1438 +वृत्ति
+Vrtti , आ39 157| कोलडी 38 जीतकल्प+वृत्ति Jitakalpa+ ,
जिनभद्रक्षमाश्रमण
सोमप्रभ ,,, /देवसुन्दर
शिष्य
तिलकाचार्य
भाग | विभाग 1 मा (ii) जैन प्रागम-अंग बाह्य-चूलिका व मूल सूत्र :
Nandi Sutra
देववाचक
1 कोलडो 39 नंदीसूत्र 2 के.नाथ 14/26 3 महा.!प्रा28
मुट.(ग.)
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