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Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य
6
तीर्थ तीर्थंकर भक्ति मा.
11
11
11
11
31
-
=
35
+ तालिका
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17
11
तीर्थंकर गुरु भक्ति
11
तीर्थंकर भक्ति
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"
भक्ति स्वाध्याय
"
भक्ति काव्य
37
श्रुतशास्त्र कीर्तन
काव्य
काव्य
11
19
33
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31
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23
मा.
सं.
7
मा.
11
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1
5.3
3
2
गुटका
44
4
2
4,3
4
3
गुटका
फारसी गुटका
गुटका
3
6
3
8
2
5
गुटका
39
3
8
3
:
8 A
www.kobatirth.org
26 × 11 × 1 1 × 40 संपूर्ण
21 × 12 व 20 x 15
25 x 12 x 10 x 36
26 x 12 x 16 x 37
22 x 16 × 12 x 32
32 × 16 × 25 × 44
24 × 11 × 16 × 47
26 x 11 x 10 x 35
25 x 10 व 25 x 12
25 × 12 × 10 × 32
25 × 11 × 15 × 40
20 × 16 × 22 × 18
12 x 11 x 9 x 13
25 x 12 x 9 x 39
"
27 x 12
25 x 12 x 12 x 29
25 x 11 x 1 x 44
".
-
"
11
12
12
संपूर्ण 4 ढालों का ग्रं.
3100
संपूर्ण 135 छंद
17 गाथा
26 × 12 × 11 × 40 संपूर्ण 45 गाथा
20 x 10 x 9 x 28
56 गाथा
24 x 11 × 13 x 52
13 x 10 x 19 x 42
31
"
9
39 गाथा
32 गाथा
2 पद 26+13
गाथा
40 गाथा
15 x 10 x 9 x 17
अपूर्ण 48 गाथा
20 × 13 × 14 × 27 संपूर्ण 6 छद
25 x 12 x 14 x 34
7 दालें
77
18 पद
सपूर्ण 35 गा.
संपूर्ण 2 स्तवन 38 + 33 1737
गा.
"
11
संपूर्ण 3 (पार्श्व की 1767 112 छद
53 गाथा
57 गागा
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5 पद
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10
1913
1919 महीद
पुर धर्मसी 20 वीं
17वीं
19वीं
17 at
19/20वीं
1865
1880 मेड़ता दूसरा छंद सरस्वती
दौलत सुंदर
का है
1964
19वीं
1857 x लब्धि
रुचि
19वीं
संपूर्ण 3 जयमालायें 17+8+6 श्लो संपूर्ण 5 पूजायें ( स्नात्र 20वीं 17 भेदी, 20 स्थान अष्टप्रकारी पांचज्ञान संपूर्ण 45
आठ पूजायें
19वीं
20वीं
1918
20वीं
1885
"1
[ 247
1922 फलोदी विन्यसुन्दर 19वीं
11
1686 की कृति
दूसरा स्तवन पंचतीर्थी का है । अन्य निशानी कुशलसूरि व एकादश का | भाषा में पंजाबी का पुट
दिगम्बर श्राम्नाय
| क्रमश: देवचंद, साधुकीर्ति, विजयलक्ष्मी, ज्ञानसागर, रूपविजय