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________________ | शुद्धि पत्रक 7 पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ अशुद्ध 9 Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 4 अशुद्ध शाई घर भाग/विभाग | पृष्ठ अनुक्रमांक स्तंभ 462 117 468 से शीर्षक 1514 तक 468 47 474 117 शाङ्गधर विभाग 423 292 424319 330-7 347 348 338 426 25 428 429 48 गा. समुदाय गु 11/11 हितपदेश हीर रांजा दैवज्ञ 425 148 अनिटकारिका 698 476 479 481 484 कश्चित् अर्थ स रत्लसूरि...धर्मसंज्ञ 430 486 For Private and Personal Use Only 74 151 199 466-7 233 265 278 301 448 गा. सानुवाद गु. 11/12 हितोपदेश हीररंजा 19 वीं (अनिटकारिका व) 6 अ89 व्याकरण किञ्चित् अर्थ सह उदयधर्म (रत्नसूरि शिष्य) उपसर्ग कारकादि धातु पाठ सटीक सटीक 266-7 महाक्षपण कवि 1643 छंदशास्त्र सं. 4 आश्वास 1886 यमकप्रधान 1834 व 19 वी के. नाथ 27/47 शाल होत्र ऋषि कृतन कुल www.kobatirth.org 434 438 444 448 449 451 488 दूवज्ञ केभव पद्धत्ति केशव पद्धत्ति मार्गेण मार्गे । 6/4 कोलड़ी 6/4 निकालके का निकालने का व तसुन्दर बखत सुन्दर नवामन्दिर सेवामन्दिर नारचन्द्रसूरि नरचन्द्रसूरि नारचन्द्र नरचन्द्रसूरि काशीनाश काशीनाथ मुक्तमोग्यदथा मुक्तभोग्यदशा विधि विधि 23x20x21x38 वधु प्रवेध वधु प्रवेश बर्ष भविष्य वर्ष भविष्य (,) वराह मिहिर ज्यातिष ज्योतिष उपाध्यय उपाध्याय भूमि शिक्षा भूमि परीक्षा पन्न पन्ना भरतवाद भरतनाट्य उपसर्गादि सटीक सदीक 466-7 महाक्षण कवि 1664 अलंकार शास्त्र संपूर्ण 1866 1मकप्रधान 19 वीं (,) 27/47 शाली होत्र ऋन 64 65 14 453 25 489 293 494 331 380 498 412 504 शीर्षक 506 553 51037 3 511 26 1 519 1411 37 38 3-4 455 456 0 कुल Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 12 457 459 411 64 तव तक
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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