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भाग (2) जैन सिद्धान्त व प्राचार विभाग :- (अ)
3A 445-8) के.नाथ 14/124 जीवाजीव-विचार 4 प्रतियां | JivaJiva Vicāra 4 copies | शांतिसूरि 21/20,23/27,
24/67 कुथुनाथ 37/15,
3 प्रतियां
, 3 copies 51 15/18,15/20 452 प्रोमियां 2/210
ट. (प.ग.)
3 प्रतियां
3 copies
453-5| कोलड़ी 71,72,
820 456-7 | सेवामंदिर 2/354,
356 458
| महावीर 2/106
2 प्रतियां
2 copies
4 प्रतियां
4 copies
459- | के नाथ 13/9, 62 | 23/28-69
26/22 463 | प्रोसियां 2/208
"
+बा.
+Bali.
., अज्ञात
मू.बा. (प.ग.
के.नाथ 18/30
+बा.
+Bala,
, जीवविचार
Jiva Vicara
464 465 466 467
कुंथुनाथ 18/11 के.नाथ 9/17
"
का बालावबोध
,
kā Bālāvabodha
महावीर 2/94
" बोल
,
Bola
म.तालिका
468 | ओसियां 2/314
"
सूचा यंत्र
,
Suca Yantra
सुमतिवर्द्धन
470
, -स्तवन
,
Stavana
ज्ञानसार
के.नाथ 21/103 कोलड़ी गुटका2/6 मुनिसुव्रत 2/318 कोलड़ी 882
471
वृद्धिविजय
472
जीवस्वरूपबोल
Jiva Svarūpa Bola
महेश्वरसूरि
अज्ञात
ढाढसीमुनि
के नाथ 19/95 | जोगीरास
Jogi Rāsa | कुथुनाथ 36/1 | ढाढसी गाथा
Dhādhasi Gathā क्रम 7 कथुनाथ 36/1 | तत्वसार
Tattvasara क्रम 37 | कोलड़ी 836 तत्वार्थ सूत्र+वृत्ति (रत्नप्रभा) Tattvārtha Sutra+Vxti
देवसेन
477 | देवेन्द्र 2/360
उमास्वाति प्रभाचंद्र मूवृ. (ग.)
(धर्मचंद्र शिष्य) उमास्वाति
मू.कंडिका+
व्याख्या
मू.ट. (ग.)
के.नाथ 5/85
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