SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 380
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व अन्य वृत्तान्त : [ 363 11 8 A 9 10 26 x 11 x 6 x 30 संपूर्ण 360 गा., ग्रं. 2000| 1679 170 द्वारों से तीर्थ- प्रा.मा. | कर जानकारी 26x11x19x 60 | , 360 गा. 19वीं तीर्थंकर जानकारी 26x12x - 172 द्वारों से 1896कलकता देवराज 16वीं समवसरण-विधान 27x11x13x38 | , 69 गा. 26x11x17x54 ,, 35 श्लोक 18वीं x रूपाक 25x11x20x70 33 गा. 18वीं तीर्थभक्ति इतिहास | सं. 26x12x19x46 , 1800 श्लोक | 19वीं 12 x 12 x 14 x 12 1933 1907 की कृति 25x11x14x60 समुद्घात प्रक्रिया - वर्णन तीर्थभक्ति इतिहास |, 4 सूर्य संबंधी स्तुति | प्रा.सं. 6 25x11x10x32 . 100 गा. (चाया। 15वीं , 4 गा.=42 ढालें 1734x | मनोज्ञचंद्र पन्ना कम)। 27x11x13x54 (विभाग अ से प्रो): यज्ञविधि 28x12x10x39 संपूर्ण 19वीं भक्तिस्तोत्र 125X11x18x63 , 7 श्वोक 26 x 20 x 17x 20 , 72 पद 1926 पापपुण्य विरक्ति चिंतन भक्ति स्तुति । 23x10 व 17x12 ! 1836 व 19वी धार्मिक 19वीं 21 x 10 x 9 x 26 22 x 17 , 106 श्लोक पूजा क्रिया 26x12x12x42 | अपूर्ण 18वीं प्रारंभ में अरिष्ट नेमिकोवचन भक्तिमंत्र 25x13x 13x50 संपूर्ण 17वीं 27x13x11x29 19वीं योग सम्बन्धी |, वैष्णवाम्नायानुसार मा. | 27 8 21 x 15 x 23 x 21 अंत में राठौड़ों के जीवनप्रसंग व अफीम . भांग संवाद कात्तिक शुक्ला अधूरी व्रतकथा | सं. 21 27x11 x 17x51_ लगभग संपूर्ण-24 | 20वीं For Private and Personal Use Only
SR No.020414
Book TitleJodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSeva Mandir Ravti
PublisherSeva Mandir Ravti
Publication Year1988
Total Pages558
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy