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Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
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कुंथुनाथ 56/6 अमरसत्तरी
कोलड़ी 811
ईर्यापथिक चर्चा
के. नाथ 23 / 38 ईर्यापथिक- विचार
महावीर 3 ई 18 उत्सूत्र खण्डन
सेवामंदिर 3 ई 41 उदरवेगानाछिद्र
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वृत्ति
3 A
Amara Sattari
के. नाथ 18 / 28 श्रीष्ट्रिकमत उघाटन कुलं
महावीर 3 ई 25
कुटमुद्गर ग्रन्थ
महावीर 3 ई 6
कुमत्ताहि विष जांगुली मंत्र Kumattāhi Visa Janguli
Mantra
महावीर 3 ई 22
कुमतिकंद कुद्दाल
Kumati Kanda Kuddāla
कोलडी
963
कुमतिचर्चा
महावीर 3 ई 30 कुमुदचन्द्र
के. नाथ 23 / 42 केवलीस्वरूप
के. नाथ 5/119
केशीगौतम - संधि
के. नाथ 6/45
केशी संधि
महावीर 3 ई 8
खरतरतपा मान्यामान्या
विचार
. 11 / 88 | गणधर सार्द्धशतक (वृत्ति -
सह
ओसियां 2 / 152
महावीर 3 ई 39
के नाथ 17/60
के. नाथ 15/84
महावीर 3 ई 3
गुरुतत्त्व प्रदीप दीपिका
के. नाथ 14 / 130 | (गुरुतत्त्व प्रदीपे ) उत्सूत्र कंद कुद्दाल
महावीर 3 ई 10 चाचिक ग्रन्थ
महावीर 3 ई 9 | चौथ संवत्सरी चर्चा
महावीर 3ई 22 जिन पूजा चर्चा
Iryapathika Carca
Vicara
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Kumati Carcă
Kumudacandra
Utsutra Khaṇḍana
Udaravegana Chidra
Auştrika Mata Udyātana धर्मसागर ( दानसूरि
का शिष्य)
Kulam Kutamudgara Grantha
Kevali Svarupa
Kesi Gautama Sandhi
Kesi Sandhi
Kharatara Tapa Mānyamanya Vicara Ganadhara Sārddha Sataka (with Vrtti)
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भाग / विभाग : 3 (इ) - जैन भक्ति व क्रिया
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Vṛtti
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पार्श्व चंद ( रतनचंद्र का शिष्य)
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विनय (जयसोम का शिष्य)
ग्रालमचन्द
माधव
रत्नचंद्रगरि
सौभाग्यविजय
मुक्तिसागर (लब्धसागर शिष्य ) उत्तराध्ययन वाली
कथा
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Gurutattvā Pradipa Dipikā धर्मसागर ( स्वोपज्ञ )
Gurutattava Utsūtrakanda धर्मसागर Kuddāla
Carcika Grantha
Cautha Samvatsari Carcā इन्दोर से
Jina Pūjā Carcā
प.
ग.
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प.
मू.अ. (पग.)
मू.वृ. (प.ग.).
ग.
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प.
जिनदत्तसूरि / सर्वराज- मू.वृ. गणि
जिनदत्तसूरि
जिनदत्त / सुमतिगरि
जिनदत्तसूरि
ग.
प.
मू.वृ.
प.
मू + दी.
ग.
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गद्य
ग.