Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti

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Page 556
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 380 वें पन्ने के अन्त में जोड़कर पढावें क्रमांक | स्रोतपरिचयाङ्क । ग्रन्थ का नाम 3 भाग :5 जैनेतर धार्मिक-न्यायदर्शन नाम रोमन लिपि में ग्रन्थकार का नाम व | स्वरूप 3A परिचय 4 5 252 कोलड़ी 1009 न्याय सूत्र सहवृति Nyava Sutra with Vril गौतम ऋषि/? + (ग 253-4 महा.6प्रा 14,7 | न्याय दीपिका 2 प्रति | Nyaya Dipika 2 अभिनव धर्म भूषण | ग 255| केनाथ 29/65 | न्याय बोधिनी (तर्क संग्रह) Nyaya Bodhini 256 , 29/74 | न्याय सिद्धान्त दीप , Sidhanta Dipa शशधर शर्मा 257 , 29/77 | , , मंजरी | ., Manjari जानकीनाथ शर्मा 258| महावीर 6प्रा20 भाषा परिच्छेद Bhasa Paricebeda विश्वनाथ पंचानन भट्ट मू. प 259 कोलड़ी 975 260/ 1259 | भाषा परिच्छेद की टीका स्वोपज्ञ |" , ki Tikal 261-2 केनाथ 2/9;2/25 ! ,, ,, 2 प्रति 263|कोलड़ी 838 / मुक्तावली Muktavali दिनकर 264/i, 1117 | मुक्तावली प्रकाश महादेव Prakās'a 381वें पाने के अन्त में जोड़कर पढ़ावें भाग 5 जैनेतर धामिक-प्याय दर्शन विषय संकेत भाषा| पन्ने । नाप पंक्त्याक्षर परिमाण । प्रतिलेखन | विशेष ज्ञातव्य 7 8 लंxचोxxअ.8AI संवतादि 101 षट् दर्शन में एक 26x11x25x57 | संपूर्ण 5 अध्याय 18वीं 11 न्याय ग्रंथ 12,4526x12 व 28x13 19/20वीं गौतम सूत्र टीका | 30x14x11x35 शब्द खंड पूरा 1879 न्याय सूत्र दार्शनिक | 26xiix 13x50 | अपूर्ण 19वीं न्याय ग्रन्थ 4 | 24x13x13x44 , 19वीं न्याय खंडन मंडन X 25 x 11 x 14 x 33 | संपूर्ण 160 श्लो. 1801 33 x 14x 13 x 45 ,, 167 ,, | 19वीं X 126x12x13x44 | संपूर्ण 1796 उदयपुर सिद्धांत्तमुक्तावली 19वीं | 25x12 व 23x10 नाम्नी न्याय ग्रन्थ |, 78 | 26 x 11 x 12 x 45 | , ग्रं. 2 300 | 1868 जोधपुर मानकचंद 68 | 26x IIx12x38 ] अ. प्रत्यक्षखंड 19वीं बीच के त्रुटक ग्रं.2000 पन्ने ( कृपया पृष्ठ 378-79 की प्रविष्टियां क्रमांक 211 से 216 उपरोक्त प्रविष्टि 264 के बाद पढावें) 19वीं बीच For Private and Personal Use Only

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