Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti
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526 ]
[ परिशिष्ट
16
17
18
340
282
516
256
_320
244
86
पृष्ठ पृष्ठ
पृष्ठ नारायणदास
488 परमसुख
484 | प्रद्युम्नसूरि नीलकण्ठ 452,460,478 | परमहंस परिव्राजकाचार्य 490 प्रबोधचन्द्र 480,494,502 | परमान्नद
96,298
प्रभाचन्द्र 116,152,160,272 (मुनि) नेतृसिंह 430 पर शिक्षित सुन्दर
240 प्रभाचार्य
266 नेमीचन्द भण्डागारिय 156,158 | परशुराम
प्रभानन्द
260 नेमीचद (रामजी का पुत्र) 82,136 |
पराशर
484
प्रमोदसूरि नेमीचंद्रसूरि 52,122,136 पाणिनि
426,428 प्रीतविमल
244 नेमीदत्त
पादलिप्ताचार्य
358 (कवि) प्रेम
404 नेमीविजय
पायचन्द
112 प्रेमराज
196,334 प पार्श्वचन्द 2,18,112,140,236
प्रेमविजय
86,260 256,264,266,268 पतञ्जलि
426
270,276,278;280 पदमचन्द
128 पदमचन्द सूरि 304,334
282,284,296,360 फतेचन्द
320 138,296
पार्श्वनाग पदमराज
फतेन्द्र मूरि
208 (वाचक) पदमराज 106 पार्श्वनाथ
212 फतेह सागर
318 पदम विजय 180 पीताम्बर
456 पद्मजिनेश्वर सूरि
92,99 (व्यास) पुक्करदास पद्मनंदी 114,132,142,230 | पुञ्जराज मुनि 226,432,436
(ऋषि) बच्छराज
298 240,262,270,360 (पाठक)पुण्यकीति (कलश) 286,316
बनारसीदास 108,124,138,150 पद्मप्रभ सूरि 304,488 पुण्यनन्दी
328 पद्म मन्दिर गणि
पुण्य महोदय
260
158,172,218 पद्म राज 146 पुण्य रत्न 314,326,340,342 |
वप्प भट्टसरि
222,266 पद्मविजय 222,224,226,270,334
बलभद्र
208 पुण्यराज
506 पद्मसागर 56,226
140,288,342 पुण्यसागर
410
(कवि) बाकीदास पद्मसुन्दर 178 पुरुषोत्तम
बादरायण पद्मसूरि
बालचन्द 488 पूज्यपाद 88,160
138 पद्माकर भट्ट
___486,500 | बालेन्द्र कवि पन्नालाल
228 प्रतापविजय (जिन विजय-शिष्य) 160 | बिहारीलाल (कवि) 412 परम सागर 332 | प्रपातविजय (वीरविजय-शिष्य) 308 J (कवि) बीजा
412
408
94
488
436
पृथुयश
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