Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti
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530 ]
विजयदेवसूरि
विजयप्रभ
विजयभद्र
विजय लक्ष्मी मुनि
विजय लक्ष्मी सूरि
28
विठमेह
विठ्ठलाचार्य
विद्या कुशल
विद्यानन्द
विद्यापति
विद्याभूषण
विद्यारत्न
विनयचंद्रसूरि
विनयप्रभ
पृष्ठ
जिजयविमल 76,88,144,148,190
विजय शेखर
रिजयसिंह
विजयसिंह - शिष्य
152,256
248
232
206
238,248
विनय भक्ति वाचक विनय विजय
किद्यारुचि
विद्याबर्द्धन
विद्याविलास
विनयचंद 114,188,210,226
236,248,288,300,
152,428
240
450
296
300
232
242
31
विनोदोलाल
विमलकीति
विमल गरिए
विमल भट्ट
विमल विनय
294
विमल सूरि
218
विमलाचार्य
176
418 विशालहंस
430
324
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( हर्ष समुद्र शिष्य )
विनय सागर
विश्ननाथ दैवज्ञ
विष्णु शर्मा
वीरदेव गणि
वीरभद्र
वीर विजय
वीर सागर
वृद्धिविजय
वृद्धिसागर सूरि
वृन्द कवि
330,340,342 वैंकश दैवज्ञ
188,322 वेणीराम
298 वैद्यवाचस्पति
356 वंशलोचन
32,36,148,174
182,222,246,256
270, 314,338,442 शङ्करसेन विनय समुद्र (पार्शचंद शिष्य ) 288 | शङ्कराचार्य
29
श
138,316
पृष्ठ
316
शम्भुनाथ
430 | (वाचक) शान्तिचन्द्र
252
70
118
462
286 | शाङ्ग देव
शाङ्गधर
422 शार्ङ्गधर ति
432 शिव 466,478,492,498,500
468,470,478, शिवचरण
शान्त्याचार्य
शिवलाल 76,78,262,404 शिवशङ्कर 212,226,236,238 शीलगणि
246,248,278,326
480 शिवनिधानगणि
410
322
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460
शान्ति सागर
42,340 शान्ति सूरि 114; 116,122,130
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344,424
198
शुभचन्द्र 52,116 शुभवर्द्धन
398 27 ' शिष्य 236,420 शुभविजय 502 शुभवीर 228,346 शुभशील 462(कवि) शेखर 450 | शेरसिंह
शेष
शेषनाग
शोभन मुनि 396शोभमुनि
शील विजय
शीलां काचार्य
30
[ परिशिष्ट
पृष्ठ
458
26
252
54,56
518
462
458
454
42,164,186
188,206
328
240
56
86
2,4
110,328
148
299
236,280 260,344,424 320,330,334,344
390
420
418
450
222,224,270
308

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