Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti

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Page 543
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परिशिष्ट ] [ 527 19 20 21 पृष्ठ 510 36 436 पृष्ठ पृष्ठ बुद्धिसार 304 | भावचन्द्र सूरि 334 मयलसूरि 490 ब्रह्म 82,90,142 भावदेव 200,294,316 | मल्लिनाथ 402,404,414 ब्रह्म रायमल 514 भावनादास 406 416,420 ब्रह्मरूप संवेगी 102,146 | भावमिश्र 460 | मल्लिषेण 156,388,390 ब्रह्मर्षि 244 भावरत्न 306 | महनोतचन्द्र सेन 406 ब्रह्मा जीवाय | भावविजय 54,56,124,226,244 | महाक्षण कवि 448 ब्रह्मा दित्य 486 | भावसूरि 270 | महादेव 468,478 भाव हर्ष सूरि 268 महादेवोक्त 462,490,504,514 भास्कराचार्य 466,468,506,516] महानन्द 216,338 भक्तिलाभ 30,240,270 भुवन रत्नाचार्य 180] महारुद्र 510 " " शिष्य 202 भुवन सोम 310,338 | महिमा मेरू 314 भक्तिविलास (कवि) भूषण 450 महिमा सुन्दर 154,216 भगवतीदास 110,344 भोजदेव महीदास भट्ट भट्ट केदार 452,454 भोजराज महीधरदास 460 भट्ट महादेव 502 भोजसागर महीप 448 भट्टारक खूबचन्द (खरतर) 418 महेन्द्र प्रभ सूरि 148 भट्टिकवि 412 मकरन्द महेशदास राठौड़ 418 भट्टोसी दीक्षित 430,440 मणिरत्नसूरि महेश्वर सूरि 116,148 भट्टोत्पल 488,494,500 शणिसागर 278 महेश्वराचार्य 496 488 मतिकुशल 302 माघकवि 420,422 भतृहरी 408,420 मतिचन्द्र 96,98,130,144 माघनन्दि 246 भद्रबाह 30,32,34,36,38,58 | मतिवर्द्धन 106,107 माणकचन्द गर्ग अग्रवाल 352 66,212,220,230,258 मति शेखर 310,322 488,356,398 माणकचन्द्राचार्य 334 मति सागर 200,322,494,850 भद्रसेन 300 माणिक चन्द्र सूरि 450 मति हंस 244 भवानीदास व्यास 320,418 माणिक शेखर 48 मदननृप भानुजी दीक्षित 446 माणिक्य सुन्दर 322,338 मधुकर मुनिराम 286 (कवि) भानुदत्त 416,418,452 माशुर नन्दि 270 मम्मट्ट 450 भारती 402 मलयगिरि 22,24,26,46,78, 276,458 भालमुनि 292 96,102,132,348 | माधवदास दधाडिया' 418 भडुली 460 माधव For Private and Personal Use Only

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