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जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 129
11
| 788 A
9 - 10 25 - 11/12 x भिन्न2 | पहिली पूर्ण 48 द्वितीय | 19वीं(विक्रमपुर
अपूर्ण 42 | आनंदसुंदर)
जैन तात्त्विक
27x12x4x32 संपूरग 53 गाथा 1902खेरनगर अतिम गाथा भी
मणिरत्न ने बनाई है 27 x 12 x 14x39
1877 25x12x4x35 | ,, 44गा. ग्रंथान 959 1855 25x11x17x52 ,, 22 गा. ,, 386 19वीं प्रथम पन्ना कम
26x12x11x33
19वीं
26x12x13x50
19वीं
26x12x16x44
1862
25x10x4x25
19वीं
27x12x17x48
19वीं
26x12x14x54
19वीं
23x20
x 21 x 38 | अपूर्ण
19वीं
26x13x17x55 संपूर्ण
1881
29 x 12 x 12 x 58
, 2900+250ग्रंथाग्र 1961 जयनेर,
देवकृष्ण 1937 नागपुर
| 21x12x12x29
19वीं
25 x 10 x 21 x 80 त्रुटक | 26 x 11x15x47 | संपूर्ण 44, गाथा
20वीं
| 20 x 13418 x 10 | संपूर्ण
19वीं
26x11x15x40
1850
भिन्न2 तेरह द्वार से
25x11x16x36 | अपूर्ण
19वीं
उत्तर प्रकृति 276
भेद से
21x11x
संपूर्ण
20वीं
, 33 गाथा
गुटका | 15x12x9/11x
14/20
19वीं,1907
24x10x11x29
20वीं
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