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जैन तात्विक प्रोपदेशिक व दार्शनिक :
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संद्धांतिक तात्विक मा.
श्रीपदेशिक
दार्शनिक, उपदेश
उपदेश
तात्त्विक
6
श्रौपदेशिक
17
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31
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33
सैद्धांतिक
17
प्रा.मा.
प्रा.
मा.
7
प्रा.
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मा.
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प्रा.
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प्रा.सं.
प्रा.
11
प्रा.सं.
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सं.
17
प्रा.
3
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गुटका
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26 × 11 × 17 x 51
31 x 12 x 6 x 45
26 x 13 x 16 x 30
26 x 11 व 25 x 12
25 x 12 x 20 x 56
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25 × 11 × 14 x 42
26 x 13 x 13 x 30
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26×11 ×14 x 54
27 x 11 x 13 x 38
संपूर्ण
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ני
19 गाथा
17
36 गाथा
9
16 गाया
95 गाया
16
संपूर्ण 36 + 36 गाथा ग्रंथाग्र 600
62
"
19
496 गाथा
505 "
500 गा. ( बीस
505 गाथा
अपूर्ण 314 गाथा
संपूर्ण 503 गा. 20
अधिकार 505 पहिला पन्ना 35 गा कम अपूर्ण 364 गाथा तक
संपूर्ण 505 गाथा
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अधिकार)
503 गाथा की
किंचित् पूर्ण प्रथम 5 पन्ने कम पूर्ण 19 से 82 (त)
गाथा
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10
1836
194
1953
18at
18वीं
1953
20वीं
19वीं
17वीं
17वीं
18वीं
1993
16at
17वीं
17वीं
17वीं
18at
18वीं
[135
11
भगवतीसूत्र 11/
10
19 T
19वीं
16at
1684 प्रागरा, प्रशस्ति है । जहागीर राज्ये 16वीं