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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 215
___10
|
11
8A |25 x 11 x 8 x 33 | संपूर्ण 21 गा.
15वीं
6 7 8 शत्रुजय ऋषभ भक्ति प्रा. |3
प्रा.मा. | 14
2
25x11x13x48
16वीं
25x11x10x44
16वीं
26x12x5x51
|, 29
1687
26x11x13x36 संपूर्ण
19वीं
25x11x17x55
29 गा.
19वीं
22x12x11x34
19वीं
ऋषभ भक्ति काव्य | प्रा.सं.
26x11x7x40
1554
भक्ति काव्य
22 x 19 x 22 x 32 |
1814 26 x 13 x 17 x 36 | संपूर्ण दोस्तवन 30+27 18वीं 24 x 10 x 14 x 51 | संपूर्ण 2 ढालें (32 गा.) 18वीं 26 x 15x5x36 ,
1904 25 x 11 x 11/9x35| , 31 गा.
अंत में 2 लघ पद पार्श्व ऋषभ के
19वीं
भक्ति जन्मोत्सव का
24x11x11x24
, 53 गा.
19वीं
भक्ति काव्य
10x6x7x16
संपूर्ण 13 श्लोक
18वीं
26x11x11x40 संपूर्ण 19 स्तवन
16वीं
अंत के 9 स्तवन बहुव्रीही सामासिक
जिनमुनि भक्ति गीत | मा.
22x19x22x32
संपूर्ण 32 गा.
1814
25x11x12x32
20वीं
भक्तिमय प्रार्थना
18वीं
27x11x11x30 संपूर्ण 65 श्लोक
24 x 11 व 25 x 12 ,, 82 , | 27/24 x 13/11 x 13 ,, 63 ,,
x44/
गौतम रचित ऐसी प्राम्नाय दूसरा फटा हुआ है
19वीं
1897
4,9* | 24 से 26x10 से 13 |
64/से 103 श्लोक 19वीं
3,3,
3
25 से 26x11 से 12 | संपूर्ण 91,107,67 श्लोक 19वीं
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