Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti

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Page 390
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व अन्य वृत्तान्त : [373 8A ___10 ।। धर्मशास्त्र रा. 6018 x 10 x 12x31 संपूर्ण 18 अध्याय 1793 भक्ति व नैतिक पद 22 x 16 x 30 x 33 प्रतिपूर्ण 19वीं देवी-स्तुति 21x11x11x28 | संपूर्ण 22 पद 20वीं देवी भक्ति 25x11x9x37 1760 14x10x 13 x 27 103 श्लोक 19वीं 31x12x11x40/ 203 श्लोक 24x11x 13x43 , 29 श्लोक 1858,1875 धर्म भक्ति शास्त्र 33x14x12x64 अपूर्ण 6 स्कंध 18 अध्याय 17वीं | 27x13x15x34 | त्रुटक8वां स्कन्ध 32x15x19x56 , 9वां स्कन्ध 19वीं देवी भक्ति 30x11x15x38 संपूर्ण 46 श्लोक 18वीं 5 26x13x12x35 __, 50 श्लोक 1845 (सिद्ध सारस्वत नाम) देवता भक्ति 26x13x13x52 ___10 श्लोक 18वीं 30x11x11x40 , 8 श्लोक 19ीं 26x12x14x36 ,, 10 श्लोक 20वीं व्रतकथा 18 x 13x10x21 1871 अंत में 1 पन्ना शृगारी कवित्त 16x11x9x18 20वीं सं. 1019 व 1173 में उत्कीर्ण की हुई 30x16x17x43 | संपूर्ण 19वीं उत्कीर्ण प्रशस्ति । सं. की प्रति महादेव जीवन-भक्ति रा. गुटका | 21x14x23x20 ,, 18 छंद 1870 23 x 16 x 16 x 21 , 28 छंद 18वीं रुद्र अर्चना विधि 22x10x7x32 | अपूरण 17वीं धार्मिक इतिहास 29x13x12x62 | आदिपर्व-अपूर्ण 18वीं 27x12x10x38 प्रस्थानिकपर्व 1745 28x12x10x48 विराटपर्व 18वीं 29 x 13 x 10 x 44 | शल्यपर्व अपूर्ण अध्याय 2 से 28तक For Private and Personal Use Only

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