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महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ :
[ 403
8A
___ 10
1।
18x15x13 x 14 प्रतिपूर्ण
1793
मध्ययुगान
किलों शहरों राज्यो रा.
के संवत् राजा व नगरों के | ,
संवत् बोधकथायें
25x11x11x30
,
19वीं
1802 से 1180 गुजरात व राज. के पन्ने निा क्रम
14x15x17x22 त्रुटक
प्रौपदेशिक साहि- | हिन्दी
त्यिक बायें व दाहिने हाथ मा.
का वादविवाद ऐतिहासिक वृत्तांत
29x 12 x 21x48 | संपूर्ण 31 विषयसांग
591 दोहे 26x || x 13x42 | , 69 छंद
3
30x16x14x30
राजपुत्रदत्तिवर्मा द्वारा दिया गया पहिला पन्ना कम है
सुभाषितानि
27x11x21x66 |
10 सर्ग ग्रं. 676 17वीं
साहित्यिक रचनायें डि.
1,1,1,1 | भिन्न 2 21,11
प्रतिपूर्ण
| 19/20वीं
स्फुट लघु ग्रन्थ
नैतिक काव्य रा.
|
19x15x14x27 |
प्रर्याप्त
समस्यापूत्ति
1767 1856 जीवाण
लोककथा
22x15x15x33 | संपूर्ण
नीतिशास्त्र
14x9x9x16
8 अध्याय 135
1666
श्लोक
| 26x12x30x68 | प्रतिपूर्ण
19वीं
शोकों की प्रादि गा., थायें अकारादिक्रम से ऐतिहासिकमहाकाव्य
26 x 13x17x48 संपूर्ण 18 सर्ग
17वीं
1725
22 x 11 x 11 x 40 26 x 11 x 4x42
1785
: :
26 x 12x17x52
1854 विक्रमपुर
बखतसुन्दर 1854
| 25x11x13x33
, 19 सर्ग
:
| 28 x 13x10x46 | अपूर्ण 11वें सर्ग तक
16वीं
232,
29x13 425x11
, 16/17 सर्ग तक | 18/19वीं
29x14x17x40
, प्रथम सर्ग+मात्र | 16वीं
3326x12x17x64
17वीं
जीणं पन्ने चिपक
गये हैं
115
31x15x17x52 | संपूर्ण 18 सर्ग
19वीं
साहित्यिक महाकाव्य ,
1541 .
| 29 x 11 x 10 x 34 , 8 सर्ग | 26 x 12 x 10 x 31 |, 7 सर्ग
या 8वें सर्ग 16 श्लोक तक हैं
16वीं
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