Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti
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छन्द व काव्य साहित्य :
अलंकार - शास्त्र
अलंकार - शास्त्र
"
अलंकार - शास्त्र
काव्यालंकार - शास्त्र
"1
11
अलंकार व काव्य शास्त्र
अजीर्ण रोग के बारे में विपविकार चिकित्सा
श्रायुर्वेद वैद्यक :--
$1
31
वैद्यकशास्त्र
11
31
11
रा.
सं.
घोड़ों की चिकित्सा सं.
व अन्य ज्ञान
11
"
"
रा.
7
सं.मा.
""
:
रा.
सं.
आहार द्रव्यगुण पथ्य पर वैद्यकविज्ञान
चिकित्सा दवाइयां मा.
10,8
59
74
9
8
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3
5
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117
38
77
23
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8A
31 × 12 × 1 2 × 45
24 × 1 2 × 1 4 × 42
26 × 12 × 1 5 × 47
28x13 × 11 × 54
26 × 1 1 × 11 × 33 संपूर्ण 5 परिच्छेद 266
श्लोक
26 × 11 x 11 x 54
26 × 1 1 × 13 × 41
27 × 12 × 1 1 × 33
22 × 15 × 24 × 17
25 × 12 × 11 × 40
29 × 13 व 27 × 13
2 5 × 1 1 × 15 × 37
27 × 11 × 10 × 32
26 x 12 x 17 x 55
23 x 11 × 9 x 34
25 × 11 × 11 × 41
27 × 12 × 13 × 45
28 x 12 x 12 x 46
संपूर्ण 60 छंद
संपूर्ण
अपूर्ण प्रमाणालंकार
"1
""
27 x 10 व 29 x 10
26 × 1 2 × 12 × 40 अपूर्ण
24 x 12 x 14 x 33
"
पूर्ण (पत्र 7 से 17 )
संपूर्ण 5 परिच्छेद
अपूर्ण 44 से 133 छंद
11
अपूर्ण 38 श्लोक
संपूर्ण 5 उद्देशक
श्लोक 350
33
9
"
51
4 मयूख
प्रकरण तक
"
(केवल कुमाराक्ष चिकित्सा
13 से 18 व 23
त्रुटक
अपूर्ण 411 अध्याय
17,12| 25 × 15 व 22 x 11 प्रतिपूर्ण
| संपूर्ण 600 ग्रंथा
लगभग पूर्ण (प्रथम दो पन्न कम
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10
|1881 फलोदी इंद्र भानु (हीर विजय ) 1854, सूर्यपुर विनयचंद
19वीं
18वीं
16वीं x
चंद्रसूरि
1678
1877
1944
19वीं
से 38 प्र. 2 से 6 स्थान तक 1734
18वीं
1899
1848/19at
20वीं
19af
17 at
19at
1886 / 1916 द्वितीय प्रति में
1751
1864
1677
457
17/18वीं
11
मूल की टीका है
बार्थ नहीं हैं

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