Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti

View full book text
Previous | Next

Page 527
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शुक्रन सामुद्रिक व अन्य निमित्त शास्त्र [ 511 11 6 7 | 8 8A त्रिशला स्वप्न फल | सं.मा. | 5,1,7 | 25 से 27 x 11 से 13 | संपूर्ण ___ 10 1750 से 19वी निमित्त शकुन 25 x 11 x 9 x 32 19वीं | 22x12x14x35 27x11 x 1 3 x 62 | ,, 20 वर्ग 1676 21x11x -- अपूर्ण 19वीं | 28x10x14x46 , 1872 निमित्त विद्या स्वप्न विचार शकुन निमित्त 29x11x11x16 | संपूर्ण 16 पक्षियों के 19वीं 25x11x13x39 , 27 श्लोक 124x11x9x40 | , 44 श्लोक+20 वाक्य ,, 46 श्लोक 24x12 x 18x40 स्वरोदय निमित्त 27x13x16750 | ,, 180 श्लोक शकुनावली निमित्त 26x11x11x39 , 50 श्लोक 1899 निमित्त शकुनावली 25 x 10 x 12 x 36 | प्रतिपूर्ण तुने हुये श्लोक | 15वीं एक पन्न जीव स्वरूप 444 23x20x21x38 | संपूर्ण 1544 | 25 x 11 x 13 x 42 , 186 श्लोक 1676x कीतिसागर 1759 से 20वी/ 6,6, 5 24 से 26 व 10 से 13 | दो संपूर्ण अंतिम त्रुटक | 25 से 26 x 11 से 12 | संपूर्ण 18वीं x वासुदेव 25 x 11x14x34 | 19वीं 17x13x12x19 , (पहिला पन्ना कम) 1907 शकुन के 26x11x - 19वीं निमित्त वास्तु शास्त्र 26x11x14x48 | ., 40 श्लोक निमित्त शास्त्र 26x12x14x41 प्रतिपूर्ण 1877 रेणुवर क्षमारत्न 1947 निमित्त लग्न प्रश्न | मा. 26 x 13x16x26 | संपूर्ण For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558