Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti

View full book text
Previous | Next

Page 515
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिष : [ 499 6 8A ___101 फलित सर्व विषय 19वीं 26x12x6x42 | केवल भाव अध्याय (18वां) 11 श्लो. 28x13x14x39 | संपूर्ण 1865 मा. 25x11x15x54 वर्षफल भविष्य वाणियां ,, 199 गा. 1718 1225 से 2172 23x11x19x 62 1630 1651 से 1700 25x10x13x42 1762,मुछाला 1701 से 1800 सुजाणरुचि 19वी | 25 x 12 व 19 x 12 |, 74 गाथा 21x11 x 17x44 | प्रतिपूर्ण 1774 1770 से 1800 19 x 14x18x33 | अपूर्ण 19वीं 1801 से 1845 25x11x22x44 संपूर्ण 1840 1801 से 1900 26x 11x17x44 19वीं 16x12x12 x 20 प्रतिपूर्ण 19वीं 1942 से 2000 25x10x20x55 | संपूर्ण 60 वर्षों की | 1703 नाम सहित 60 प्रकार के वर्षों की 31x23x27x26 । 1800 से 1860 1806 गु. 8,8. 16 से 25x12 से 13 | 19 , 167/75 छंद 1844से 20वी प्रतिम प्रति में 15वां पन्ना कम 60* 17x12x17x12 | अपूर्ण 45 से 352 (अंत) 1919 17x13x13x19 | संपूर्ण 19वीं 21x10x9x 25 1850 वीरमपुर अंत में स्वप्न विचार गणेशचन्द्र भी 23x12x11x24 17 गाथा 1870 25x11x8x62 ___10 श्लोक 19वीं 16 x 11x11-20 ___45 श्लोक 18वीं 16x8x7x18 | , 54 श्लोक 18वीं 27x11x13x44 , दो 7-45 श्लोक | 19वीं मुहूर्त ज्योतिष 27x13x15x44 , 46 श्लोक 1881 For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558