Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti

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Page 437
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य आदि साहित्यिक ग्रंथ : [ 421 | 7 | 8 | 8A 9 | 10 11 ऐतिहासिक काव्य 30x16x13x35 | संपूर्ण 44 श्लोक 19वीं 22x16x30x33 , 33 छंद साहित्यि विरहनी वर्णन ऐतिहासिक काव्य 15x15x15x22 1868 नैतिक आदि 26- 13x20x52 | , 700 दोहे 31x12x14x48 , 702 दोहे 11821 पालनपूर जिनविजय 1860 धोलका कनकराज 1885 14x14x12x17 | ,, 700 दोहे 23x16x21x15 ,716 दोहे 1887 लोककथा 23x15x11x23 | अपूर्ण 49 छंद 1746 63 पद्य प्रतिपूर्ण 1706त्राणनगरे विक्रम बेताल कथा काव्य वैराग्य परक साहित्यिक 23x11x11x24 | संपूर्ण 108 श्लोक थोभा 1845 19वीं विरक्ति व साहि त्यिक वीर कथानक 26 x 12 x 17x65 | अपूर्ण 44 श्लोक तक 28 x 14x7x43 संपूर्ण 101+135 22 x 18x14x27 || |, 85 अनुच्छेद 1807 भाषा पांडित्य सा. 27x12x12x41 | 1946 ऐतिहासिक महा 26x11x13x45 ,, 20 सर्ग 17वीं काव्य 26x12x15x45 18वीं 27x13x11x42 1889 24x12x14x46 , मूल श्लोक 1684/ 1872 अंत में 3 पन्ने कम हैं ऐतिहासिक टीका | सर्वकंषा नाम्नी ऐतिहासिक महा काव्य 26x11x13x40 | अपूर्ण 8 सर्ग तक 16वीं 26x12x13x38 5 , 19वीं 25x11x15x34 26 x 12 x 23 x75 18वीं जीर्ण 26x11x17x51 , सर्ग 3/10 तक | 17वीं 27x12x22x70 , 2 सर्ग 18वीं | 29 x 13 x 6 x 60 । , त्रुटक 19वीं For Private and Personal Use Only

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