Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti

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Page 457
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याकरण ग्रंथ :-- [441 8A ___10 11 व्याकरण 24x12x21x41 अपूर्ण (उए से कृदन्त तक) 19वीं सुबोधिनीनाम्नी 26x10x13x43 | पाख्यात काण्ड तक 1840 25x12x17x44 1883 (उपरोक्त की नकल) 27x12x14x30 | अपूर्ण 19वीं xxxx 25x10x11x38 26x13x17x43 18वीं 30x11x15x55 त्रुटक 27x12x18x65 संपूर्ण 19वीं अति सामान्य लिखावट 26x11x13x46 अपूरण | 26x 11 x 13x50| संपूर्ण ग्रं. 1250 1851 वैदिक प्रक्रिया 20वीं 32 x 34 x 10x16 25 x 11 व 26 x 20 27 x 12 व 26 x 12 चार खण्डों में, बड़े अक्षर प्रथम में किञ्चित् अवचूरि 19वीं 25x10x14x47 26x11x17x51 33x14x12x45 | पूर्वाद्ध तत्वबोधिनीनाम्नी 29x13x14x40 | अपूर्ण मनोरमा नाम्नी 28x12x19x64 26 x 11x17x51 |, धातु अधिकार 20वीं 26 x 12 x 11x37 ,, प्रत्यय पर्यन्त 18वीं 21x10x9x33 संपूर्ण कृदन्त , 1891 25x11x6x34 , चारों प्रकम 16वीं 28x12x13x48 , 7 अध्याय (28 20वीं पाद) 26x11x13x58 अपूर्ण 4 अध्याय तक ही 17वीं 26 x 11x15x55 | , 4 अध्याय तक 1687 . For Private and Personal Use Only

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