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व्याकरण ग्रंथ :--
[441
8A
___10
11
व्याकरण
24x12x21x41 अपूर्ण (उए से कृदन्त तक)
19वीं
सुबोधिनीनाम्नी
26x10x13x43 | पाख्यात काण्ड तक
1840
25x12x17x44
1883
(उपरोक्त की नकल)
27x12x14x30 | अपूर्ण
19वीं
xxxx
25x10x11x38
26x13x17x43
18वीं
30x11x15x55 त्रुटक
27x12x18x65 संपूर्ण
19वीं
अति सामान्य
लिखावट
26x11x13x46 अपूरण
| 26x 11 x 13x50| संपूर्ण ग्रं. 1250
1851
वैदिक प्रक्रिया
20वीं
32 x 34 x 10x16 25 x 11 व 26 x 20 27 x 12 व 26 x 12
चार खण्डों में,
बड़े अक्षर प्रथम में किञ्चित्
अवचूरि
19वीं
25x10x14x47
26x11x17x51
33x14x12x45 | पूर्वाद्ध
तत्वबोधिनीनाम्नी
29x13x14x40 | अपूर्ण
मनोरमा नाम्नी
28x12x19x64
26 x 11x17x51 |, धातु अधिकार
20वीं
26 x 12 x 11x37
,, प्रत्यय पर्यन्त
18वीं
21x10x9x33
संपूर्ण कृदन्त ,
1891
25x11x6x34
, चारों प्रकम
16वीं
28x12x13x48 , 7 अध्याय (28 20वीं
पाद) 26x11x13x58 अपूर्ण 4 अध्याय तक ही 17वीं
26 x 11x15x55 | , 4 अध्याय तक
1687
.
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