________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
महाकाव्य श्रादि साहित्यिक ग्रंथ :
6
लोककथा
राजनीति शास्त्र
"
"
=
91
""
11
"
स्त्री श्रृंगार
ऐतिहासिक कथा
साहित्यिक कल्पना
लोककथा
प्रसिद्ध लोक गीत
31
19
7
रा.
11
11
सं.
"
सं.मा.
सं.
ऐतिहासिक काव्य
गढ-वृत्तान्त
कृष्ण-रुक्मिणी
व्याह
शौर्यसत्य पर जीवना रा.
सं.हि.
सं.
डि.
मा.
डि.
??
13
71
"
"1
मा.
:
साहित्यिक वीर कथा डि.
17
19
50
32
37
8
36
10
8
20
6
4,4
3
32
6,15,7 17 से 28 x 11 से 15
60
6
11,48 24 से 26 × 11 से 12
17 × 12 × 10 × 21
23 x 11 x 15 x 30
24
1
गु.
23
गु.
8 A
13
www.kobatirth.org
गु.
15 × 11 × 10 × 1 6 अपूर्ण 54 छद
17 x 13 x 12 x 7
संपूर्ण
18 x 10 x 5 x 22
23 x 14 x 18 x 15
25 x 10 x 13 x 38
20 x 15 x 23 x 22
17 x 11 x 20 x 10
15×11×7x 21
534 श्लोक
2 2 x 11 x 5 × 33
पूर्ण पहिले 3 पन्नो कम
19at
22 × 11 × 10 × 42 | बृहत् के 4 अध्याय लघु पूरे 8
26 × 14 × 17 x 46
लघु के 7 व बृहत् के पूरे 1939 8 अध्याय 14 × 17 × 14 × 24 पहिल 2 पन्न कम / लगभग पूर्ण
प्रथम 2 पूर्ण अंतिम अपूर्ण 20वीं
22 x 18 x 14 x 27
23 x 10 x 10 x 28
15 x 13 x 9 x 19
20 x 12 x 20 x 31
11
19 x 12 x भिन्न 2
17 × 14 × 11 × 18
22 × 18 × 14 × 27
21 × 14 × 23 × 20
"1
13
अपूर्ण
संपूर्ण 29 छंद
"
12
9
==== R
8 अध्याय
31
16 गाथा
9 गाथा
819 छंद
अपूर्ण
संपूर्ण 454 दोहा
संपूर्ण
अपूर्ण
For Private and Personal Use Only
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
10
19वीं
1922
16वीं
17वीं
1847
1936
1850 से 20 वी
19वीं x गेनचंद
19/20वीं
18वीं
1814
1892
1822
1813
19at
1834
1755
19वीं
1828
1814
1870
[ 407
11
1740 की कृति
अंत में गिंदोली वाला बिल्कुल अपूर्ण
12वीं सदी की धारा नगरी बीच 2 में दोहे
रजपूत विजैनंद की
कथा
1677 या 17 की
कृति
जीर्ण