Book Title: Jodhpur Hastlikhit Granthoka Suchipatra Vol 01
Author(s): Seva Mandir Ravti
Publisher: Seva Mandir Ravti

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Page 421
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ - [ 405 8A 9 11 ____ 10 1759/19वीं साहित्यिक महाकाव्य सं. | 26,27 | 25 x 10 x 13 x 36 | संपूर्ण 8/7 सर्ग 37 25x11x8x33 , 7 सर्ग 1801 विक्रम पुर बखतसुन्दर 29,44| 24 से 26 x 11 से 12 अंतिम प्रति अपूर्ण शेष 1802 व 19वी| दूसरी प्रति में 35.13 संपूर्ण ____टब्बार्थ भी है 30,98| 25 से 28 x 11 से 12 प्रथम अपूर्ण द्वितीय पूर्ण | 19वीं/1823 कंजूस पर व्यंग 16x10x22x17मपूर्ण 44 गा. | 17वीं नीति विषयक भी 18वीं 24 x 11 x 15 x 38 | अपूर्ण 63 छंद 16 x 21 x 19 x 20 संपूर्ण पुरुष-स्त्री रतीशास्त्र 1835 12x11x16 x 15 अपूर्ण 1758 16x23x22x19 , 106 गा. 19वीं 12x10x10x17 | ., 28 छंद 1915 26x 11x15x48 19वीं 18,17| 22x16 व 16x12 | अपूर्ण पहिली प्रति में औषधादि भी | 25 x 11 +15 छंद ।, साहित्यिक कवितायें (दो) शृंगारकि कविता 21x14x23x20 , 28 छंद 1870 34x13x14x62 | , 40 गाथा .. 15वीं लोककथा 26x11x14x56 19वीं 17x9xllx31 | अपूर्ण 1932 (साथ में 2 पन्न रामायण के) 26 x 11 x 13 x 48 19वीं सुभाषित संग्रह 16 x 13x9x 22 | संपूर्ण 1956 जोधपुर 1921 की कृति प्रासकरण 1892 1837 की कृति 17x11x20x11 , 28 गा. गोरमनाथ धाम व यात्रा वृत्तांत ऐतिहासिक वार्ता 26x11x14x40 , 738 गा. 19वीं 26x11x14x32 लोककथा 15x26x30x25 संपूर्ण 87 गा. 1831 17x11x 22 x 10 , 89 गा. 1892 For Private and Personal Use Only

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