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महाकाव्य प्रादि साहित्यिक ग्रन्थ -
[ 405
8A
9
11
____ 10 1759/19वीं
साहित्यिक महाकाव्य सं.
| 26,27 | 25 x 10 x 13 x 36 | संपूर्ण 8/7 सर्ग
37 25x11x8x33 , 7 सर्ग
1801 विक्रम
पुर बखतसुन्दर 29,44| 24 से 26 x 11 से 12 अंतिम प्रति अपूर्ण शेष 1802 व 19वी| दूसरी प्रति में 35.13
संपूर्ण
____टब्बार्थ भी है 30,98| 25 से 28 x 11 से 12 प्रथम अपूर्ण द्वितीय पूर्ण | 19वीं/1823
कंजूस पर व्यंग
16x10x22x17मपूर्ण 44 गा.
| 17वीं
नीति विषयक भी
18वीं
24 x 11 x 15 x 38 | अपूर्ण 63 छंद 16 x 21 x 19 x 20 संपूर्ण
पुरुष-स्त्री रतीशास्त्र
1835
12x11x16 x 15 अपूर्ण
1758
16x23x22x19
,
106 गा.
19वीं
12x10x10x17 | ., 28 छंद
1915
26x 11x15x48
19वीं
18,17| 22x16 व 16x12 | अपूर्ण
पहिली प्रति में
औषधादि भी
|
25 x 11
+15 छंद ।,
साहित्यिक कवितायें
(दो) शृंगारकि कविता
21x14x23x20
, 28 छंद
1870
34x13x14x62 | , 40 गाथा ..
15वीं
लोककथा
26x11x14x56
19वीं
17x9xllx31 | अपूर्ण
1932
(साथ में 2 पन्न
रामायण के)
26 x 11 x 13 x 48
19वीं
सुभाषित संग्रह
16 x 13x9x 22 | संपूर्ण
1956 जोधपुर 1921 की कृति
प्रासकरण 1892 1837 की कृति
17x11x20x11
, 28 गा.
गोरमनाथ धाम व
यात्रा वृत्तांत ऐतिहासिक वार्ता
26x11x14x40
, 738 गा.
19वीं
26x11x14x32
लोककथा
15x26x30x25 संपूर्ण 87 गा.
1831
17x11x 22 x 10
, 89 गा.
1892
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