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व अन्य वृत्तान्त : -
6
तीर्थों की नामावली |
नापपद्धति
तीर्थभक्ति व इतिहास मा.
प्रावू, गोडवाड़ पंच
तीर्थी, शत्रुञ्जय, तारगा के शिला लेखों की नकलें
तीर्थ इतिहास
तीर्थंकर जानकारी
21 द्वारों से
11
11
11
19
11
"1
"
21
ऐतिहासिक, न्यात गोत्र का
- बापना व चौपड़ा गोत्र के
11 पत्र इतिहास
संवत् 535 से 1365 | तक 42 पीढ़ियों की
विगत
तीर्थ इतिहास
"
"
7
11
मा.
प्रा.
सं.
मा.
SIT.
प्रा.मा.
प्रा.
11
प्रा.मा
11
17
प्रा.
मा.
19
19
77
33
"1
11
13
2
3
2
48
6
3
42
5
4
9
6
8
5
8
13
16
187*
3
3
2
2
8A
www.kobatirth.org
→ 3 × 19 × 21 × 27 संपूर्ण 25 गा.
29 x 12 x 17 x 59
70 गा.
26 x 10 x 14 × 42
7.6,4,225 से 26 x 10 से 12
21 x 10 x भिन्न 2
20 x 12 x 16 x 25
25 x 10 x 14 x 39
25 ×11×5×31
24 x 11 x 5 x 31
27 x 13 x 7 x 42
25 x 11 x 5 x 35
22 × 15 × 18 × 15
23 × 15 × 12 × 14
"
"1
26 x 11 x 12 x 35
23
25 x 11 × 15 × 52
22 x 19 x 22 x 32
=
"1
25 x 11 × 7 x 36
26 × 12 × 13 × 35 संपूर्ण 65 गा.
66 गा.
11
"
70 गा.
अपूर्ण पन्न े 2 व 3 कम हैं
"1
11
9
52 छंद
17 x 13 x 17 x 24 afaqui
12 x 15 x 17 x 15
5 लेख
103 TT.
69 गा.
प्रथम 3 पूर्ण, अंतिम 52
गा.
11
69 गा.
11
"
67 IT.
अपूर्ण
प्रतिपूर्ण
22 × 19 × 22 × 32 | संपूर्ण 84 -34 गा.
43 TT.
+ 2 पत्र अलग हैं।
40 गा.
26 गा.
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1814
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
1594
10
19 वीं
19वीं
"}
19वीं
16वीं
17at
1727
1893
=
1811विक्रमपुर अंत में 2 गाथायें भीमविजय
अन्य हैं
19वीं
31
1814
1797
19वीं
[347
1814
11
1695 की कृति