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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 225
8A
10
11
प्रत्येक तीर्थंकर भक्ति सं.
24 x 11 x 13 x 32 | संपूर्ण 24 स्तुतियें 96 पद
125x11x15x38
,
18वीं
25x11x11x34
1840
24x11x9x25
1842
5,4,5 | 25 से 27x10 से 11
19वीं
सं.
4.
27x12 x 14 x 43 संपूर्ण 96 पद की ग्रं. | 1925 वृत्तिकार देव विजय
2350
का शिष्य 25x12x3x34 अपूर्ण अंतिम 3 स्तुतियें 1814
मात्र 25 x 11 x 13 x 38 | संपूर्ण 50+9 = श्लोक | 1885
कुल 27 से 28 x 13 से 14 | ,, 24 x 3 = 77 श्लोक (1)1950पाली
ग्रं. 148 ताना, (2)20दी 27x11x12x37 , 77 श्लोक 1957, अमदा
__ बाद, नरोत्तम 28x13x15x48 | अपूर्ण 12 की ही कुल | 20वीं (तीर्थकर 1 से 11,
48 पद्य
13 की है) 24x13x11x38 | संपूर्ण 24 की 77 श्लोक 20वीं
26x11x12x34
|
, 24 की
19वीं
26 x 11 x 18 x 45 , 25 स्तुतियें ।- 2 |
गीत 26 x 13 x 13 x 52 | अपूर्ण 16वें तीर्थकर तक 13x11 व 15 x 11 संपूर्ण 24 स्तुतियें
19वीं 30 - 14x14x38 | संपूर्ण 24 स्तुतियें, 24 | 19वीं
चैत्यवंदन 20x11x15x41 | .
| संपूर्ण 24 स्तुतिवें, 24 | 19वीं
चैत्य., 24 नमस्कार 25x12x20x56 संपूर्ण 24 पद
18वीं 12 x 11 x 18 x 22 | अपूर्ण
1721 | 25 x 11 x 17x42 | संपूर्ण 24 स्तवन +2 | 1728, पाली,
यशोलाल 20 x 16 x 22 x 18 | संपूर्ण (24 x 5)= 120| 1767
पद्य गाथा कुल 26 x 11x15x44 | संपूर्ण 24 स्तवन 18वीं सूर्यपुर,
मेरुलाभ 24x10x13x36
18वीं 22x11x11x32
1897
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