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स्तुति स्तोत्र स्तवनादि भक्ति साहित्य :
[ 227
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7 | 8
8A
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11
प्रत्येक तीर्थकर भक्ति
मा.
| 26 x 12 व 13x12 प्रथम में पहिला और द्वितीय| 19वीं
में पहिले चार स्तवन कम हैं 25x11x11x28 | संपूर्ण 24 स्तवन 1874
26x13x11x43
1866
24x13x14x31
19वीं
26x12x14x54 " , पं. 4224 1892 मेडता.
पुण्य सुंदर 25 x 20 x 15x28 , 24 स्तवन 1794 26x11x11x33 अपूर्ण 21 तीर्थकर तक 1888 26 x 12 x 14 x 34 | संपूर्ण 24 स्तवन तीन | 19वीं
2 छंद के 24x12 x 11x25
1877
22x19x22x32
1814
30x14x11x42
, 26 पद (2-2 गा) 19वीं
25x12x10x40
, 24-24 स्तवन
स्तुति, चैत्य. 24 स्तवन
22x16x20x30
25x11x16x44
25x12x14x38
,
+1 छंद
19/20वीं
12,गुटका 27x11 व 15 x 12
22x16 x 20 x 30
19वीं
26x12x12x37
25x10x17x35 | अपूर्ण (17 वें तीर्थकर
तक ही है) 26x12x12x36 संपूर्ण 24 स्तवन
1867
13x11x16x27] ,
,
19वीं
6x6x8x12
22x16x20x30
1861
23x11x7x26 | अपूर्ण 21 स्तवन 14,33 | 28 x 13 x 27x11 | संपूर्ण 64 पूजायें विधिसह | 1894,1887| 1874 की कृति
तीर्थकर पूजा भक्ति
,
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