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कथा धार्मिक विधि विधान :
आगार, छायादि विधान
तपफल वर्णन विधि
काव्य
व्रत भंग विचार
11
17
प्रतिचार विचितन
व्रत विधान विवरण
कल्पसूत्र की पीठिका प्रा.सं.
वाचन
प्रतिज्ञापाठादि
71
6
11
तप सूत्र व क्रिया
11
"
"
#7
श्रावकाचार किया विधान
पर्व व्रत कथा
"
"
17
श्रावकाचार व्रत मा.
विवरण
13
काव्य
मा.
11
तप पूजा क्रिया पाठ सं.
पद
15
विभिन्न तप विधियां
पर्व व्रत कथा
प्रामा
मा.
"
17
""
प्रा.मा.
11
मा.
33
11
सं.
7
31
13
मा.
"1
प्रा.
1
3
7,2
2
4
16
13
35,5
8
2
100
78
10
2
8
9
6,5
5
7
7
8
851126 × 12 व 27 x 12
19,6
11
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23 x 14 x ---
27 x 10 x 10 x 27
25*10* 25 से 29 x 12 से 14
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25 x 13 x 14 x 48
27 x 12 x 17 x 39
26 × 11 x 15 x 40
26 × 13 x 13 x 36
25 × 11 × 13 × 34 संपूर्ण
16 × 9 x 9 x 20
अपूर्ण
26 × 1 3 × 1 6 × 32
संपूर्ण 151 गाथा
23 x 12 व 25 × 12
संपूर्ण
29 × 12 × 14 × 47
26 × 12 × 18 × 50 | संपूर्ण
27 x 13 x 12 x 32
25 × 11 व 26 × 12
( तीन ढालें) 19 / 20वीं
26 × 11 × 1 2 × 52 प्रपूर्ण (बीच का । पन्ना कम) 17वीं
19at
19वीं
26 x 12 a 29 x 13
25 x 11 x 14 x 34
25 × 1 1 × 11 x 40
संपूर्ण
24 x 13 x 12 x 35
33
25 x 12 x 13 x 42
17
37
17
अपूर्ण (पहिला व्रत भी
अधूरा )
"1
17
:
"
"
11
9
33 T
11
25 x 13 व 21 × 13
26 × 12 × 14 × 40 संपूर्ण
26 x 12 x 13 x 47
31
ور
25 गा.
ग्रं. 165
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
155 TT.
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10
19वीं
1890
1940
19वीं
19वीं
1829
1826
1903
19वीं
प्रथम संपूर्ण द्वितीय प्रपूर्ण 20वीं
17at
19वीं
19वीं
20वीं
20वीं
19/20वीं
19वीं
1900
19वीं
1945
1802
[ 197
11
अंत में 3-4 स्फुट
स्तवन
| मकसुदाबाद के सुगालचंदजी की टीप
अंत में जयवर्मा जय
| माल की । अनु मात्र पिंगलराय का कथा
नक भी है