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जैन तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 89
___ 6
7
8
प्राध्यात्मिक
8A
9 26 x 12 x 15 x 42 | संपूर्ण 42 गा. 25 x 12x3 x 27 , 113 26x 13x11x50 | , 115
जैन सिद्धांत मंडन | सं.
व मीमांसा
10 1 19वीं 19वीं अपर नाम देवागम
स्तोत्र | 1946 जयपुर
देवकृष्ण 1904
25x12x11x30
"
xxxx
जैन संद्धान्तिक उपदेश,
18वीं
1699 की कृति
धर्म साधना प्राचार मा.
| 16वीं
25x10x13x35 ., 108 श्लोक 24x10x15 x 40 16x13x13x20 | , 360 26 x 11x13x52 , 40 गाथा
1651
धर्माचार साधु श्रावक
17वीं
प्रा.मा.
25x11x तालिकायें प्रतिपूर्ण
17वीं
पाप पालोचना
(क्षमापना) प्रौपदेशिक
19वीं
26 x 12 x 11 x 33 | संपूर्ण 26 x 10 x 13 x 50 | अपूर्ण 24 x 10 x 15 x 40 | संपूर्ण 36 पद
17वीं
तपस्यायों के यंत्र भी है
प्रायश्चित उपदेश | मा.
1744
प्रोपदेशिक
25x13x13x24
xxx
19वीं
गर्दा स्तवन
25x12x14x38
32 पद
19वीं
साथ में आत्मनिंदा
प्रौपदेशिक
|15x12x17x24
54 गाथा
17वीं
20x11x11x25
101
17वीं
प्रा मा.
8
26 x 11x7x40
100
से
17वीं
25x11x5x30
18वीं
24x11x5x30
19वीं
26 x 13x16x30
1953 नागौर
कर्मचंद 18वीं
धार्मिक क्रिया उपदेश प्रा.मा.
26 x 13 x5 x 34
10 गाथा
प्रोपदेशिक क्रिया |
10 गाथा
18वीं
25 x 12 x 20 x 56
25 x 15 x 20 x 56 | 23 x 20 x 21x38 |
,
10+8%3D18गा. 18वीं
उपदेश
, 51 श्लोक
1544
विरक्ति उपदेश
25x12x14x38
18वीं
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