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जा तात्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :
[ 91
6
6
7 8
8A
___ 10
विरक्ति उपदेश
25x11x16x34 |
गं 69 गाथा
19वीं
27x 11x11x36
, 70
19वीं
पूर्वोक्त ग्रंथ ही है
प्रौपदेशिक---चाचिक ,
24x10x15x45 |, 70--20 गाथायें 19वीं
ग्रौपदेशिक विरक्ति ,
125x13x13x34
72 छंद
1905
24*
30x12x19x86
.. 125 गाथा
16वीं
प्रौपदेशिक शास्त्र | प्रा
सार प्रवचन सार उपदेश प्रा.सं.
27x13x15x45
बीगतवार प्रास्ति है
125 गाथा की 13 19वीं
विश्राम 29 गाथा 1686
प्रौपदेशिक
26 x 10 x 13x40
पन्ने 75 से 213
(प्रत)
30 x 12 x 19 x86 । चार अधिकार - 16वीं
384 गा. 26 x 11 x 19 x 50 31 x 11 x 19 x 54 | संपूर्ण कथा सह ग्रं 4:05| 17वीं जीर्ण दुर्ग 28 x 13 x 15 x 44 | संपूर्ण चार अधिकार गा| 19वीं
458 की 25x11x17x42 22xTIX17x42
36 सवये
1828
मा. 3
धर्म दान पूजा यात्रा प्रा.सं.
उपदेश व्याख्यान परिपाटी
25 x 12 x 14 x 45 , 5 तरङ्ग ग्रं. 35391960,विक्रमपुर
कृष्णकरण 23x11x10x19 प्रतिपूर्ण
1917X अमृत
विजय 312 | 27x12x14x56 संपूर्ण, मूल गा. 1040 ग्रं 19वीं
14000/ 22 26 x 11 x 13 x 39
| 16वीं
प्रौपदेशिक
प्रा.सं.
प्रा.
26 x 11x8x32
16वीं
3* | 26x12x11x40
16वीं
25x10x11 x 38
, 543 ,,
| 16वीं
प्रा मा । 52
26x11x6x30
अंतिम पन्नाम
540 , प्रक्षिप्त । 16वीं
गाथा 544 गाथा
1600
27x12x13x37
26x10x12x42
,
1049
26 x 11 x 13 x 45 , 544 ,, 1658 28x12 x 11 x 40 ,
17वीं 25 x 11 x 15 x 36 अपूर्ण(प.2 पन्ने 50गा.कम) 1698
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