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जैन तात्त्विक प्रौपदेशिक व दार्शनिक :--
[ 95
___ 6
7
8
8A
____10
1 1
प्रोपदेशिक
31x11x8x40
19वीं
25x11x11x42
, 44 गाथा
19वीं
26 x 11x7x44 , 26 गाथा 19वीं . 26 x 13 x 16 x 30 संपूर्ण
1953 25 x 11 x 6 x 33 आपूर्ण 1 1 से 26 अंत तक 17वीं 27x 12 x 15x47 संपूर्ण ग्रंथाग्र 7657 | 20वीं बालुकड- स्वोपज्ञ वृति
| 186
पुर
| 27x14x9x30 |
19वीं
गुटका 15x12x17x24
39 गा.
17वीं
12 पन्ने 16x13x8x13 |
1716
27* __ 27x11x13 x 38,
16वीं
+सैद्धा- | प्रा.
न्तिक मृत्यु उठायगा उपदेश मा.
26x10x13x48 संपूर्ण
19वीं
23x13x13x26
19वीं
25x11x11x38
,, 10 श्लोक
19वीं
26x11x11x38
भक्ति प्रौपदेशिक
तत्व प्रसंग
,, 220 गाथा 1595 ,, 208 गाथा/ग्रं.450, 1 6वीं
27 x 12 x 15 x 62 | 26 x 11 x 1 x 35
235 संपूर्ण
1608
गर्ण-प्राय अपठनीय
26x11x11x45
,
229 गा.
17वीं
26x11x13x41
208 गा.
18वीं
21x11x7x42
220 गा.
18वीं
27x12x12x547
221 गा.
19वीं
25से29x12से 14
,, कथा सह ग्रं.4750/ 19वीं
इसमें 163 गाथा का ही अंत समझा है
26 x 11x11x37 | अपूर्ण पहिला पन्ना 10 | 19वीं
गाथा का कम 27x11 x 17x60 अपूर्ण 32 से 1 63 (अंत) 16वीं
तक 33 ! 27x11x15x55 , आदि अंत रहित । 16वीं
26-11-13x41 संपूर्ण 224 गा. की कथा सह 19वीं
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