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जैन आगम-अंग बाह्य आवश्यक सूत्र :
[ 67
678
8A
____10
श्रावक आवश्यक
प्रा.मा.
25x12x5x38 |
1842
प्रा.
26 x 11x12x38
19वीं
25 x 11x5x32
19वीं
19वीं
19वीं
पौष सूत्र सह
26 x 12 x 10 x 30 | अपूर्ण 6 गाथा तक
25 x 11 x 5 x 33 | संपूर्ण ग्रंथाग्र 995 ,,+भक्ति प्रा.सं.मा 8 26 x 12 x 14 x 34 प्रतिपूर्ण प्रा. | 23,3, 25,26 x 10,11 पूर्ण अपूर्ण
4,33,4
1895 विक्रमपुर स्मरण सह
दौलतसिंह 19/20वीं
| प्रा.मा. | 4
26x11x13x40 अपूर्ण गा.24 से 50 (अंत) 1619
तक । 8x11x15x54 संपूर्णगाथा25253130/ 1524
पन्न 15 से 19
(अंत) तक
आवश्यक+व्याख्या प्रा
65
साहित्य
26x11x11x40
, ग्रं.3375
16वीं
26 x 11x17x60
1628
,, | 19वीं
पावश्यक क्रिया
संबंधी प्रावश्यक व्याख्या प्रा.सं. | 569
26 x 11x13x49 | लगभग पूरी (अंतिम पन्ना 17वीं
कम) 26x 11x13x44 अपूर्ण (पन्न 32 से अत | 17वीं
78 तक) 26x11x11x42 केबल पीठिका व्याख्यान का 1514 गाथा 81 तक का
संपूर्ण 22x11x15x36
गाथा 78 तक का
संपूर्ण 25x10x 13 x 50 संपूर्ण 169 गाथायें 16वीं 26 x 12 x 17x43 अपूर्ण 3622 गाथा--714/19वी विक्रमपुर | पहिले 36 पन्ने कम
नारायण 26 x 11x16 x 64 त्रुटक
| 15वीं जीर्ण (पन्नों की
संख्या लगभग 26 x 12 x 13 x 40 संपूर्ण ग्रं. 22000 1951वृति शिष्य हिता
नाम्नी 25x11x15x43 अपूर्ण (लोगस्स से अंत तक 1672 जहांगीर | पन्ने 250 से 359
अंत | 25 x 11 x 11 x 35,, (करेमिभते तक) | 1870
प्रा.सं
26x11x13x32
19वीं
28X 13x15x26 |
19वीं
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