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* जन प्रागम-अंग बाह्य आवश्यक सूत्र :
[ 75
6
8
8A
9
10
11
चैत्यवंदनादि वृति | सं.
।
आवश्यक क्रिया सूत्र
प्रा.मा.
6
27x11x17x65 संपूर्ण ग्रं. 2130 1505x कमल
सयम 26 x 11 x 18 x 55 | लगभग संपूर्ण (अंतिम पन्ना 15वीं
कम) 26 x 10 x 14x42
संपूर्ण (63+42+48| 16वीं
गा.) 26x11x9x33
16वीं
प्रा.
6
प्रामा. - 10
28x11x7x54
, 152 गा.
1697
23x10x12x30
,
60 गा.
1698
प्रा.सं.
26x11x18x54 |
153 गा.
1711
प्रा.मा.
31x11x5x35
1756
प्रा.मा
9
26x11x5x37 | अपूर्ण (पहिले के 38 गा| 1788
.
कम) 25 x 11 x 12 x 40 संपूर्ण 155 गा. 28 x 12 x 0 x 40 अपूर्ण अंत की 20 गा कम) 18वीं 26 x 13 x 17x52 | संपूर्ण
1849 26x11x6x45 ... (152 गा.) 1841 26x13x15x39 | , (63+41 गा.का) 1897 25 x 12 x 20 x 52
19वीं 25 x 11x9x35
19वीं 25 x 12x16x50 , 48 गाथा
प्रा.सं
19वीं
प्रा.
24x 13x11x39 , 152 गाथा 25x11x14x40 लगभग पूर्ण (अंतिम पन्ना
कम)। x16 x 65 | संपूर्ण 152 गाया का
प्रा.मा.
27x13x13x44
1929
+A
20वीं
30 x 15 x 15 x 50 | संपूर्ण 63 गाथा की 30x15x15x36 संपूरी 42 27 x 12 x 23 x 80 | संपूर्ण 62 गाथा की 26 x 11x15x48 अपूर्ण
प्रावश्यक व्याख्या | सं.
साहित्य
16वीं 19वीं
साथ में अन्य किचित
विवेचन
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