________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
जयन्त
[ अँक २ नय-आपने बड़ी कृपा की । परमेश्वर आपकी रक्षा करे ! नय-महाराज ! विन०-सरकार !
जयन्त मेरे प्यारे मित्रो ! कहो, क्या खबर है ? कहो विनय ! और क्यौंजी नय ! कुशल तो है ?
नय-महाराज, हम जैसे मध्यम स्थितिके मनुष्योंका कुशल आप क्या पूछ रहे हैं ?
विन०-लक्ष्मीकी हमपर अत्यन्त कृपा न हुई यही हम कुशल समझते हैं।
जयन्त-उसकी तुमपर बिलकुल अवकृपा भी नहीं है; यह भी तुम्हें कुशल समझना चाहिये।
नय-महाराज, आपका भी कहना बहुत ठीक है ।। जयन्त–खैर, कहो, क्या समाचार है ?
नय-विशेष कुछ भी नहीं । सब लोग अपना अपना कर्तव्य कर रहे हैं। ___ जयन्त-सच ! तो अब यही समझना चाहिये कि प्रलयकाल बिलकुल समीप है । पर यह समाचार बिलकुल झूठ है । अस्तु, अब मैं तुमसे साफ़ २ पूछता हूं:-मित्रो, तुमने अपने भाग्यका क्या बिगाड़ा था जो उसने तुम्हें इस कारागारमें लाकर पटक दिया !
विन-कारागार !
जयन्त-हां हां, कारागार । बलभद्रदेश आजकल कारागार बन गया है।
नयबलभद्र एक सुखी और स्वतन्त्र देश होकर भी अगर
For Private And Personal Use Only