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बलभद्रदेशका राजकुमार ।
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उसका क्रोध शान्त करने में कैसे कैसे परिश्रम करने पड़े ! अब फिर, मुझे डर है कि, उसका क्रोध कहीं भड़क न जाये; इसलिये, भाओ, उसके पीछे पीछे चलें । ( जाते हैं । )
चौथा अंक समाप्त |
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पाँचवाँ अंक ।
पहिला दृश्य ।
स्थान- स्मशान 1
दो मजदूर फावड़ा लिए हुये प्रवेश करते हैं ।
पहिला मजदूर - क्योंजी, जिसने आत्म हत्या की क्या वह शास्त्रोक्त विधिसे गाड़ी जायगी १
दूसरा मजदूर - हाँ हाँ, वह उसी तरह गाड़ी जायगी । और इसलिये गड़हा खूब अच्छी तरह खोदी । इसका विचार करने के लिये पंच चुने गये थे; और उनकी यही राय है कि वह शास्त्रोक्त विधि ही गाड़ी जाय 1
प०म० - जब तक वह अपनी रक्षा करनेके उद्देश्यसे आपको न डुबो ले तबतक यह बात कैसे है। सकती है ?
दू० ० म० – क्यों ? पंचोंकी यही राय है । प० म० - उसने अपनी रक्षा करनेके किया होगा, नहीं तो यह बात कभी नहीं हो
उद्देश्यसे ही यह काम सकती थीं । क्योंकि
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