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चेलना
तीर्थकर महावीर के युग को जैन साध्वियां एवं विदुषी महिलाएँ : ८९
दिगम्बर परम्परा में चेटक को पुत्रियों का उल्लेख चेटक की पुत्रियों चेटक के जामाताओं उनकी राजधानी के नाम के नाम
के नाम प्रियकारिणी सिद्धार्थ
कुण्डपुर मृगावती शतानोक
कौशम्बी सुप्रभा दशरथ
अयोध्या प्रभावती उदायन
सिंधु सौवीर श्रेणिक
मगध ज्येष्ठा
विरक्ति चंदना
महावीर की
प्रथम साध्वी स्रोतः-महाकवि पुष्पदंत-वीरजिणिदचरिउ,
सं० डा० हीरालाल जैन, पृ० ६३ वासवदत्ता':
अवन्तिका (उज्जयिनी) के महापराक्रमी राजा चंडप्रद्योत तथा रानी अंगारवती की पुत्री वासवदत्ता थी। सुलक्षणा, सुशीला बालिका को मातापिता अत्यन्त स्नेह से रखते थे । कन्या वासवदत्ता ने कई कलाओं में निपुणता प्राप्त की लेकिन गंधर्व कला (संगीत) की शिक्षा गुरु के अभाव में प्राप्त नहीं कर पाई थी। राजा चंडप्रद्योत अपनी पुत्री को संगीत विद्या में पारंगत कराना चाहता था । राज मंत्रियों से यह विदित होने पर कि कौशाम्बी का राजा उदयन संगीत विद्या में पारंगत है, राजा प्रद्योत के चतुर सेवकों ने छल-कपट पूर्वक राजा उदयन को पकड़कर राज्य दरबार में उपस्थित किया । प्रद्योत को यह आशंका थी कि कहीं उदयन मेरी पुत्री पर मोहित न हो जाय, इसलिये उसने पुत्री को एक आँखवाली तथा उदयन को कुष्ट रोग से पीड़ित बताकर विद्या सिखाने के समय बीच में परदा डलवा दिया ।
कुछ समय पश्चात् यह असत्य कथन का भेद प्रत्यक्ष हो गया और बीच के व्यवधान के दूर होते ही दोनों एक दूसरे पर मोहित हो गये तथा
१. आवश्यकचूणि द्वि०, पृ० १६१-६२, उत्तराध्ययनसूत्र एवं नियुक्ति,
पृ० १४२
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